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CBSE का राज्यों को निर्देश- फीस बढ़ाने वाले और शिक्षकों का वेतन नहीं देने वाले स्कूलों पर हो कार्रवाई

By एसके गुप्ता | Updated: April 19, 2020 00:05 IST

सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने सभी राज्यों के प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को लिखा है कि देश कोविड-19 जैसी आपात परिस्थिति से गुजर रहा है। ऐसे में राज्य अपने स्कूलों को निर्देश जारी करें कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं और अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस भरने का दबाव न बनाएं।

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ठळक मुद्देकेंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी राज्यों को निजी और अनएडेड स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को वापस लेने और शिक्षकों का वेतन रोकने वाले स्कूलों के खिलाफ एफिलिएशन बायलॉज के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।सीबीएसई ने राज्यों के प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को लिखा है कि देश कोविड-19 जैसी आपात परिस्थिति से गुजर रहा है। ऐसे में राज्य अपने स्कूलों को निर्देश जारी करें कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं और अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस भरने का दबाव न बनाएं।

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने सभी राज्यों को निजी और अनएडेड स्कूलों द्वारा बढ़ाई गई फीस को वापस लेने और शिक्षकों का वेतन रोकने वाले स्कूलों के खिलाफ एफिलिएशन बायलॉज के तहत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।

सीबीएसई सचिव अनुराग त्रिपाठी ने सभी राज्यों के प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को लिखा है कि देश कोविड-19 जैसी आपात परिस्थिति से गुजर रहा है। ऐसे में राज्य अपने स्कूलों को निर्देश जारी करें कि निजी स्कूल फीस न बढ़ाएं और अभिभावकों पर लॉकडाउन के दौरान फीस भरने का दबाव न बनाएं।

राज्यों से कहा है कि वह अपनी शक्ति का उपयोग करते हुए निर्देश न मानने वाले स्कूलों के खिलाफ कार्रवाई करें और इसकी रपट बोर्ड को भेजें। जिससे बोर्ड इन कार्रवाई से शिक्षक और अभिभावकों को अवगत करा सकें।

बोर्ड सचिव अनुराग त्रिपाठी ने कहा है कि सीबीएसई के एफिलिएशन बायलॉज के क्लॉज 7.2 और 7.3 में स्कूलों द्वारा फीस निर्धारित करने और उसे बढ़ाने की संस्तुति राज्य सरकार को दी गई है। ऐसा देखने में आ रहा है कि स्कूल लॉकडाउन के दौरान अभिभावकों से बढ़ाकर तिमाही फीस और एनुएल चार्ज मांगा जा रहा है। वह भी ऐसे समय में जब पूरा विश्व एक महामारी से जूझ रहा है और हमारा देश भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे में निजी और एनएडेड स्कूलों की ओर से फीस बढ़ोतरी या तिमाही फीस की मांग करना गलत है।

इसके अलावा स्कूल प्रबंधन द्वारा स्कूल के टीचिंग स्टाफ और नॉन टीचिंग स्टाफ की सैलेरी रोकने की भी शिकायतें आ रही हैं। स्कूलों की ओर से ऐसा आचरण गलत है। सीबीएसई ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के अतिरिक्त सचिव, प्रधान सचिव और शिक्षा सचिव को इस संबंध में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

सीबीएसई का कहना है कि ऐसे स्कूलों का एफिलिएशन रद्द करने से लेकर उनका प्रबंधन अपने अधिकार में लेने की शक्ति राज्यों के पास हैं। इसलिए उन्हें कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।

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