मोदी सरकार एक फरवरी को साल 2020-21 का आम बजट पेश करने वाली है। शिक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि बजट में इस साल 5 से 8 फीसदी तक की बढोतरी हो सकती है। पिछले साल 2019-20 के बजट में सरकार ने शिक्षा के ऊपर 1 लाख 25 हजार करोड़ रुपए तय किए थे। इस साल यह बढ़कर 1 लाख 35 हजार करोड़ रुपए होने की उम्मीद है।
विशेषज्ञों का मानना है कि शिक्षा बजट में इस साल कटौती की बेहद कम उम्मीद है। ऐसा इसलिए क्योंकि मोदी सरकार शिक्षा पर काफी फोकस कर रही है। पिछले पांच सालों के आंकड़ों को अगर देखा जाए तो साल 2014 में शिक्षा का बजट 62 हजार करोड़ था जो कि 2019 में दोगुना बढ़कर 1 लाख 25 हजार करोड़ हो गया। इस साल भी इस आंकड़े में बढ़ोतरी की उम्मीद लगाई जा रही है।
विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार हर तबके तक शिक्षा पहुंचाने के साथ-साथ उन्हें रोजगार या अपना काम शुरू करने पर जोर दे रही है। इसलिए बजट में ऐसी योजनाओं को शामिल किया जा सकता है, जिससे गुणवत्ता युक्त शिक्षा मिलने के साथ युवाओं को कौशल विकास से जोड़ा जाए। युवाओं को शिक्षा से जोड़ने के मकसद से वोकेशनल, डिस्टेंस एजुकेशन व ऑनलाइन एजुकेशन को बढ़ावा दे रही है। सरकार रोजगार देने वाले नए कोर्स को शामिल करने की भी घोषणा कर सकती है।