नई दिल्ली:कानपुर मुठभड़े (Kanpur Encounter) के मुख्य आरोपी विकास दुबे (Vikas Dubey) को मध्य प्रदेश के उज्जैन से कड़ी सुरक्षा के बीच कानपुर ले जाया गया है। विकास दुबे को यूपी एसटीफ (UP STF) सड़के के रास्ते कानपुर लेकर पहुंची है। इधर खबर आ रही है कि पुलिस ने उसकी पत्नी ऋचा दुबे को भी गिरफ्तार कर लिया है। पत्नी ऋचा दुबे को गिरफ्तार कर कानपुर लाया गया है। कानपुर मुठभेड़ में डीएसपी सहित आठ पुलिसकर्मियों की जान चली गई थी। छह से सात पुलिसकर्मी घायल हुए थे। कानपुर गोली कांड के बाद से यानी 3 जुलाई से ही विकास दुबे फरार था। जिसको गुरुवार (9 जुलाई) को मध्य प्रदेश के उज्जैन में पकड़ा गया। पुलिस ने विकास दुबे पर पांच लाख रुपये का इनाम रखा था।
उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के अंदर से गिरफ्तार हुआ विकास दुबे
गुरुवार (9 जुलाई) की सुबह तकरीबन 9 बजे के आसपास आरोपी विकास दुबे को उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के प्रांगण से गिरफ्तार किया गया था। उसके बाद मध्य प्रदेश पुलिस ने विकास दुबे को उत्तर प्रदेश पुलिस को सौंप दिया है। हालांकि विकास दुबे की गिरफ्तारी पर कई सवाल भी उठ रहे हैं। विपक्ष के लोगों का कहना है कि ये एक प्रकार सरेंडर था। लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार ने कहा है कि एमपी पुलिस ने विकास दुबे को गिरफ्तार किया है।
विकास दुबे की पत्नी को भी किया गया गिरफ्तार
गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे को लखनऊ के कृष्णानगर इलाके से पुलिस ने गिरफ्तार किया है। उसके नौकर को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। कानपुर पुलिस के मुताबिक इनामी बदमाश और चौबेपुर शूटआउट में वांछित विकास दुबे की पत्नी ऋचा से केवल घटना के संबंध में तथ्यों की जानकारी के लिए पूछताछ की जा रही है। पुलिस ने कहा, विकास दुबे और ऋचा दुबे का बच्चा नाबालिग होने की वजह से उन्हीं के साथ सुरक्षित है।
कानपुर गोली कांड में गैंगस्टर विकास दुबे की पत्नी ऋचा दुबे भी लगातार चर्चा में रही हैं। कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ऋचा दुबे को विकास के सारे गलत कामों की जानकारी थी। विकास की पत्नी ऋचा दुबे ने साल 2015 में गांव में समाजवादी पार्टी (सपा) की सदस्यता ली थी। इसी साल उसने सपा के स्वघोषित समर्थन से जिला पंचायत सदस्य का चुनाव भी लड़ा था।
जानें कानपुर एनकाउंटर (kanpur Encounter) में क्या हुआ?
कानपुर में मुठभेड़ दो और तीन जुलाई की रात तकरीबन एक से डेढ़ बजे के बीच हुआ। पुलिस की टीम हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को गिरफ्तार करने के लिए उसके बिकरू गांव गई थी। जैसे ही पुलिस की एक टीम के विकास दुबे के घर के पास पहुंची, उसी दौरान छत से पुलिस पर अंधाधुंध फायरिंग की गई। जिसमें यूपी पुलिस के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए।जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए। शहीद होने वालों में पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल थे।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।