मुजफ्फरनगर में नशीला पदार्थ खिलाकर 10वीं की 17 लड़कियों के साथ उत्पीड़न, दो प्रबंधकों पर एफआईआर
By विनीत कुमार | Published: December 7, 2021 07:41 AM2021-12-07T07:41:03+5:302021-12-07T07:41:03+5:30
यूपी के मुजफ्फरनगर में 10वीं की लड़कियों को प्रैक्टिल परीक्षा के नाम पर दूसरे स्कूल ले जाने और उनके साथ यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है। दो स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में दो स्कूलों के प्रबंधकों के खिलाफ 17 लड़कियों का यौन उत्पीड़न करने के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। ये एफआईआर रविवार को दर्ज की गई। आरोप है कि दसवीं की 17 लड़कियों को सीबीएसई प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए दूसरे स्कूल ले जाया गया था, जहां उनके साथ अश्लील हड़कत और छेड़छाड़ की गई।
आरोपियों में एक प्रबंधक उस स्कूल का है, जहां लड़कियां पढ़ती हैं जबकि दूसरा प्रबंधक उस स्कूल का है जहां लड़कियों को ले जाया गया था। दोनों को पुलिस अभी गिरफ्तार नहीं कर सकी है जबकि घटना करीब 15 दिन पहले की है।
खाने में मिलाया नशीला पदार्थ
आरोपों के अनुसार लड़कियों के खाने में नशीले पदार्थ मिला गए थे और फिर 17 नवंबर की रात उनकी साथ उत्पीड़न किया गया। ये घटना उस समय सामने आई जब दो पीड़िताओं के माता-पिता ने भाजपा के पुरकाजी से विधायक प्रमोद उत्वल से संपर्क किया। वहीं, जिस पुलिस स्टेशन के दायरे में स्कूल आता है, वहां के इनचार्ज को हटा दिया गया है।
जिला शिक्षा अधिकारियों ने घटना की पुष्टि की है। सूत्रों ने कहा कि दोनों आरोपी बच रहे थे क्योंकि माता-पिता बहुत गरीब हैं और उन्होंने लड़कियों को परीक्षा के लिए दूसरी जगह ले जाने पर सवाल नहीं उठाया। एफआईआर के अनुसार नशीला पदार्थ खाने के बाद 17 लडकियां अचेत अवस्था में रहीं और अगले दिन घर लौटीं। उन्हें धमकी दी गई थी कि वे घटना को लेकर किसी से बात नहीं करेंगे नहीं तो उनके परिवार के सदस्यों को मार डाला जाएगा।
विधायक प्रमोद उत्वल ने कहा कि माता-पिता द्वारा संपर्क किए जाने के बाद उन्होंने एसएसपी अभिषेक यादव से संपर्क किया और जांच शुरू की गई। यादव ने कहा कि आरोप सही पाए गए हैं।
आरोपियों की पकड़ के लिए छापेमारी
वहीं, थाने के नए प्रभारी ने कहा, 'हमने आरोपियों के संभावित ठिकानों पर छापेमारी की है। हमने उन्हें खोजने के लिए दो टीमें बनाई हैं। आईपीसी की संबंधित धाराओं के अलावा आरोपियों पर POCSO एक्ट के तहत भी मामला दर्ज किया गया है।'
प्राथमिकी के अनुसार लड़कियों माता-पिता से प्रबंधक ने 17 नवंबर को संपर्क किया था और बताया कि उन्हें 10वीं के प्रैक्टिकल परीक्षा के लिए एक दूसरे स्कूल ले जाना होगा। वहीं, उसी कक्षा में पढ़ने वाले लड़कों के माता-पिता से कोई संपर्क नहीं किया गया था। यह बात भी सामने आई है कि दोनों स्कूलों को केवल आठवीं कक्षा तक की कक्षाएं संचालित करने की अनुमति थी, लेकिन उन्होंने कक्षा 10 तक के छात्रों को अपने यहां प्रवेश दिया था