उत्राव केस पर सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि पीड़िता के चाचा को तत्काल प्रभाव से दिल्ली की तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया जाये। जिसके बाद कल (2 अगस्त) को देर रात पीड़िता के चाचा महेश सिंह को रायबरेली जेल से निकालकर तिहाड़ जेल शिफ्ट कर दिया गया है। जब पीड़िता के चाचा को तिहाड़ जेल शिफ्ट किया जा रहा था उस समय उनके साथ भारी फोर्स मौजूद थी जिसमें सीआरपीएफ के जवान भी मौजूद थे। सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता के परिवार के सुरक्षा में सीआरपीएफ के जवानों को तैनात करने को आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले पर दिन-प्रतिदिन सुनवाई हो और 45 दिन में ट्रॉयल पूरा किया जाए। एक्सीडेंट की जांच के लिए सीबीआई को 15 दिन का वक्त दिया गया है। 15 दिनों के बाद सुप्रीम कोर्ट सभी केस को दिल्ली ट्रांसफर करने पर विचार करेगी। रविवार 28 जुलाई को उन्नाव रेप पीड़िता के कार का एक्सीडेंट रायबरेली में हो गया था। जिसमें पीड़िता की चाची और मौसी की मौत हो गई है। एक्सीडेंट के बाद अब भी पीड़िता और उसके वकील की हालत गंभीर बनी हुई है।
सुप्रीम कोर्ट ने पीड़िता का इलाज लखनऊ में ही कराने का आदेश दिया था। रेप पीड़िता के वकीलों की तरफ से सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी गई है कि पीड़िता का परिवार लखनऊ में ही इलाज कराना चाहता है, ऐसे में वे नहीं चाहते कि पीड़िता को दिल्ली शिफ्ट कराया जाए। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को अपने आदेश में कहा था कि अगर पीड़िता का परिवार चाहे तो पीड़िता का इलाज दिल्ली में किया जा सकता है।
साक्ष्य जुटाने के लिए एक्सीडेंट वाली जगह 2 अगस्त को सीबीआई पहुंची थी। जहां सीबीआई ने ट्रक मालिक से बातचीत की। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के अलावा 10 लोगों पर एफआईआर दर्ज की है। जिसमें एक बीजेपी का कार्यकर्ता भी है।
पीड़िता ने साल 2017 में उन्नाव के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। इस मामले में विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को गिरफ्तार किया गया था।