जयपुर: उदयपुर निर्मम हत्याकांड को लेकर शनिवार को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने बड़ा खुलासा किया है। एनआईए का कहना है कि अगर गौस मोहम्मद और रियाज अख्तरी कन्हैया लाल की हत्या करने में विफल होते तो दो लोग दर्जी की हत्या करने के लिए तैयार थे। स्टैंडबाय पर रहने वाले दो लोगों को - एनआईए ने मोहसिन और आसिफ के रूप में पहचाना और हत्या में कथित साजिश के लिए गुरुवार रात गिरफ्तार कर लिया।
एनआईए ने कहा कि मोहसिन और आसिफ ने भी हत्यारों को मौके से भागने में मदद की। हत्यारों में से एक, मोहम्मद गौस का एक स्कूटर उदयपुर में खड़ा पाया गया - जो जांच की एक महत्वपूर्ण कड़ी है। इससे पहले, एनआईए के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी अंतरराष्ट्रीय संबंध रखने वाले "स्थानीय आत्म-कट्टरपंथी गिरोह" की संभावित संलिप्तता की जांच कर रही है।
शनिवार को ही चारो आरोपियों को जयपुर स्थित एनआईए कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने चारो आरोपियों को दस दिन के लिए एनआईए रिमांड पर भेज दिया है। पेशी के दौरान कोर्ट परिसर के बाहर आरोपियों पर गुस्साई भीड़ ने हमला कर दिया। मुश्किल से पुलिस के द्वारा उन्हें भीड़ से बचाकर पुलिस वैन तक ले जाया गया। 48 वर्षीय कन्हैया लाल की पिछले मंगलवार को रियाज़ अख्तरी और ग़ौस मोहम्मद ने बीजेपी से निलंबित नेता नूपुर शर्मा का समर्थन करने वाले सोशल मीडिया पोस्ट पर नृशंस हत्या कर दी थी, जिन्होंने पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी की थी।
दोनों ने इस कृत्य को फिल्माया और बाद में इसके बारे में डींग मारते हुए एक वीडियो पोस्ट किया, जिसमें कहा गया कि उन्होंने "इस्लाम के अपमान" का बदला लिया, और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी धमकी दी। हालांकि वारदात के दिन ही पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद पुलिस ने दो अन्य लोगों को भी गिरफ्तार किया।