बिहार में चोरों की भी होती है नियुक्ति, मिलता है हर महीने वेतन, पुलिस ने किया खुलासा
By एस पी सिन्हा | Published: May 11, 2023 04:50 PM2023-05-11T16:50:09+5:302023-05-11T16:51:19+5:30
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने सीसीटीवी खंगालना शुरू कर दिया। इस दौरान आदित्य नाम के एक अपराधी की पहचान हुई। पुलिस ने तुरंत आदित्य को गिरफ्तार कर लिया।
पटना: बिहार में चोरी करने वालों को भी नौकरी मिलती है। सुनकर भले ही लोग आश्चर्यचकित रह जाएंगे, लेकिन है सौ फीसदी सच। लुटेरों को 21 हजार रुपए हर महीने वेतन मिलता था। यह लुटेरे ट्रेन में चेन छिनतई, पॉकेटमारी इत्यादी घटनाओं को अंजाम देते हैं। ये लोग चेन छिनतई कर उसे टूथ पेस्ट के ट्यूब में छिपा देते थे। यह चौंकाने वाला खुलासा रेल पुलिस ने की है। पटना रेल एसपी अमृतेन्दु शेखर ठाकुर ने इसकी जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि रविवार को धनबाद वाराणसी इंटर सिटी ट्रेन से एक महिला की गले से चेन की छिनतई हुई। घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस ने सीसीटीवी खंगालना शुरू कर दिया। इस दौरान आदित्य नाम के एक अपराधी की पहचान हुई। पुलिस ने तुरंत आदित्य को गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ हुई। उसकी निशानदेही पर गया के अतिथि होटल में छापेमारी की गई। वहां से कुल 8 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया। पकड़े गए सारे लोग बंगाल के हैं।
बताया जा रहा है कि, इस गैंग में सभी अपराधियों को छिनतई की घटना को अंजाम देने के लिए हर महीने 21 हजार सैलरी दी जाती थी। पुलिस के मुताबिक, गिरोह का सरगना तारक चंद्र मांझी है। ये अपने गुर्गों के साथ चेन छिनतई की घटना को अंजाम दिया करता था। जिसके पास से पांच सोने की चेन, 6 मोबाइल, एक कटर के साथ एक पेस्ट का ट्यूब बरामद किया गया।
पूछताछ में अपराधियों ने बताया कि वो लोग चेन छीनने के बाद उसे पेस्ट की ट्यूब में छिपा देते थे। पुलिस जिस तारक चंद्र मांझी को गिरोह का सरगना बता रही है। उसका कहना है कि गैंग कोई और चलाता है। छिनतई के लिए उसे और आदित्य दत्ता समेत अन्य सदस्यों को 700 रुपए रोजाना पर हायर किया गया था। घटना को अंजाम देने के बाद गैंग के सदस्य सारा सामान सरगना को सौंप देते थे।