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8 महीने की बच्ची का रेप: सुप्रीम कोर्ट ने सरकार से मांगा जवाब, पोस्‍को एक्ट के तहत कितने मामले हैं लंबित

By पल्लवी कुमारी | Updated: February 1, 2018 14:29 IST

उत्तर-पश्चिम दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में आठ महीने की बच्ची के साथ उसके चचेरे भाई ने बलात्कार किया।

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दिल्ली में 8 महीने की बच्ची के साथ यौन शोषण के मामले में गुरुवार 1 फरवरी को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से यह पूछा है कि पास्को जांच के तहत पूरे मामले की जांच करने में कितना समय लगेगा।  सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और याचिकाकर्ता से पूछा है कि को पोस्‍को एक्ट के तहत देश भर में कितने ट्रायल लंबित हैं ? इसकी पूरी जानकारी मांगी है। कोर्ट ने कहा है कि इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च को होगी। सुप्रीम कोर्ट की मांगी रिपोर्ट का जवाब देते हुए कहा है कि केंद्र सरकार ने कोर्ट को बताया कि 31 जनवरी को शाम को बच्ची को एम्स में भर्ती किया गया है। पीड़ित बच्ची का पूरा ध्यान भी रखा जा रहा है। सरकार ने यह भी कहा कि  75 हजार रुपये का मुआवजा पीड़ित बच्ची के घरवालों को भी दे दिया है।

गौरतलब है कि उत्तर-पश्चिम दिल्ली के नेताजी सुभाष प्लेस में आठ महीने की बच्ची के साथ उसके चचेरे भाई ने बलात्कार किया। बच्ची के निजी अंगों की चोटों को ठीक करने के लिए मंगलवार की सुबह सर्जरी की गई। यह तीन घंटे तक चली। वह अभी खतरे से बाहर है और आईसीयू में है।

आरोपी लेना चाहता था बच्ची को गोद

बच्ची के माता-पिता ने बताया है कि सब कुछ सामान्य था शुक्रवार को बड़ी बेटी के जन्मदिन के सामारोह नें आरोपी शामिल हुआ था और बहुत जोरशोर से उसने तैयारियों में भाग भी लिया था। जब मेरी बेटी का जन्म हुआ था तब वह उसे गोद भी लेना चाहता था। लेकिन हमने उसे अपनी बेटी तब नहीं दी थी। हमेशा की तरह घटना वाले दिन भी मैं और मेरी पत्नी बच्ची को आरोपी भाई के पास छोड़कर चिंतामुक्त होकर काम पर चले गए थे, क्योंकि वह बेरोजगार था और अधिकतर घर पर ही रहता था। मां ने देखा तो बच्ची घर पर हो रही थी

बच्ची की जब मां घर वापस आई तो उसने देखा कि बच्ची लगातार रो रही है और वह खून से लथपथ थी, पूछने पर पता चला कि दिन में बच्ची को आरोपी चचेरा भाई खिला रहा था, जिसके बाद घटना के बारे में पता लग गया। लड़की के पिता और उनके दोस्तों ने कहा कि उन्होंने ऐसे मामलों के बारे में पढ़ा था, लेकिन कभी नहीं सोचा कि उनके साथ क्या होगा।

पुलिस के मुताबिक आरोपी  "सूरज ने अपराध कुबूल लिया है। माता-पिता काम पर जाते वक्त हमेशा बच्ची को परिवार के अन्य सदस्यों के पास छोड़ जाते थे। सूरज के खिलाफ पोस्को के प्रावधानों के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है। दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के अनुसार, 2017 में 9.6% बलात्कार के मामलों में, आरोपी पीड़ितों के लिए जाना जाता था, उनमें से 14.2%, वास्तव में, उनके पीड़ितों से संबंधित होने के नाते।

टॅग्स :सुप्रीम कोर्टरेपदिल्ली क्राइम
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