छत्तीसगढ़ के दुर्ग में एक बेटे ने समाजसेवी माता-पिता की हत्या कर दी है। हत्या के पीछे की वजह थी- घर की परंपरा। दरअसल जैन समाज के सम्मानीय व्यक्ति 72 साल के रावलमन जैन और उनकी 67 साल की पत्नी सुरजी बाई का बेटे संदीप ने गोली मारकर हत्या कर दी है। संदीप ने पुलिस को बताया कि उसके पिता घर में बने मंदिर में पूजा के लिए शिवनाथ नदी से नौकर से हर रोज पानी मंगवाते थे, अगर ये पानी कहीं और से आए तो घर में पूजा नहीं होती थी। संदीप अपनी घर की इस परंपरा को बदलना चाहता था। इसलिए उसने नौकर रोहित देशमुख को आने से मना कर दिया। इसी बात के विवाद में संदीप ने माता-पिता को मौत के घाट उतार दिया।
सोमवार की सुबह पुलिस को पार्श्वनाथ मंदिर के ट्रस्टी रावलमल जैन और उनकी पत्नी सुरजी बाई की गोली मारकर हत्या की जानकारी मिली। पुलिस ने जब जांच-पड़ताल शुरू की तो यह बात सामने आई कि हत्या के वक्त घर में माता-पिता और बेटा संदीप ही था। पूछताछ में संदीप ने अपना जुर्म कबूल लिया।
पुलिस के मुताबिक संदीप ने बताया कि जब नौकर रोहित देशमुख को हटाने के बारे में रविवार को पिता ने बेटे से पूछा तो उसने बताया कि उसने नौकर को आने के लिए मना कर दिया है। इस बात दोनों में काफी विवाद हुआ। अगली सुबह सोमवार को संदीप ने मां के कमरे का दरवाजा बंद कर दिया और जब पिता बाथरूम की ओर जा रहे थे तब संदीप ने अपने पिता रावलमल जैन की पीठ पर गोली मार दी। हत्या का राज ना खुले इस डर से संदीप ने मां की भी फिर गोली मारकर हत्या कर दी।
हालांकि पुलिस को इस बात पर भरोसा नहीं है। पुलिस को यह संदीप की मनगढ़ंत कहानी लग रही है। पुलिस को इस बात का शक है कि यह हत्या सिर्फ नौकर के विवाद के लिए नहीं बल्कि प्रोपर्टी के लिए की गई है। संदीप बस एक मौका तलाश रहा था। दरअसल चूंकि रावलमल ने अपनी सारी चल-अचल संपत्ति समाज सेवा के लिए नगपुरा तीर्थ ट्रस्ट को दान कर दी थी, इसीलिए उनका बेटा उनसे नाराज चल रहा था और हत्या कर दी।