नई दिल्ली, 5 जून: हिंदू संगठन सनातन संस्थान ने मंगलवार को पत्रकार गौरी लंकेश हत्या मामले में अपनी चुप्पी तोड़ी है। संस्थान ने एक प्रेस नोट जारी करते हुए दावा किया कि धार्मिक हिंदू संगठनों को खत्म करने की साजिश रची जा रही है। उनका कहना है कि गौरी लंकेश की हत्या के सिलसिले में सनातन संस्था के लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
बता दें कि गौरी लंकेश की हत्या मामले में गुरुवार को चार संदिग्धों को कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेजा है। विशेष जांच दल (एसआईटी) ने मनोहर गुंडप्पा इडवे (30), सुजीत कुमार उर्फ प्रवीण (37), अमोल काले उर्फ भाईसाब (40) और अमित को अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया और पूछताछ के लिए उन्हें हिरासत में भेजने की मांग की थी।
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गौरतलब है कि गौरी लंकेश की हत्या के आठ महीने बाद केस की जांच कर रही एसआईटी ने बुधवार को बेंगलुरु कोर्ट में एक चार्जशीट दाखिल की। एसआईटी ने 650 पन्नों की चार्जशीट दर्ज की। जिसमें नवीन कुमार को इस हत्याकांड का मुख्य आरोपी बताया गया था। इस चार्जशीट में 131 लोगों के बयान भी शामिल हैं। जिसमें फोरेंसिक साइंस लैब के अधिकारियों समेत आरोपी केटी नवीन और प्रवीण का भी बयान लिया गया।
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चार्जशीट के मुताबिक आरोपी नवीन, गौरी लंकेश के हत्यारों को पहले से जानता था। इस मामले में अब जल्द से जल्द से अडिशनल चार्जशीट दाखिल की जाएगी। चार्जशीट की मानें तो आरोपी प्रवीन ने गौरी लंकेश के घर की हत्या के पहले रैकी किया करता था। रैकी करने के बाद वह शूटर्स को जानकारी दिया करता था। गौरतलब है कि प्रवीण उर्फ सुचित इस मामले में गिरफ्तार दूसरा आरोपी है।
बता दें कि पिछले वर्ष 2017 सितंबर माह में वरिष्ठ पत्रकार और सामाजिक कार्यकर्ता गौरी लंकेश की अज्ञात हमलावरों ने उनके निवास पर गोली मारकर हत्या कर दी थी। पुलिस के मुताबिक अनुसार, गौरी को रात लगभग 8।30 बजे उस समय बिल्कुल करीब से गोली मारी गई। इस वक्त जब वह राजराजेश्वरी नगर में अपने घर के दरवाजे पर खड़ी थीं। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, गौरी के माथे पर तीन गोलियां दागी गईं थी, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई है।