ओडिशा संबलपुर जिले के ऐंठापली पुलिस स्टेशन में 22 वर्षीय कथित आरोपी अविनाश मुंडा की मौत हो गई है। पुलिस ने गुरुवार 8 फरवरी की रात ही अविनाश को हिरासत में लिया था। इस घटना से गुस्साई भीड़ ने पुलिस स्टेशन में आग लगा दी है। पुलिस स्टेशन के बाहर काफी तनाव वाली स्थिती है। इस घटना में अभी तक 30 लोग गंभीर रूप से घायल हैं। जिसमें 20 आम नागरिक और 10 पुलिस कर्मी घायल हैं। इस घटना के बाद संबलपुर को हाई अलर्ट पर है। घटना के बाद संबलपुर-राउरकेला राज्य राजमार्ग -10 को अवरुद्ध कर दिया। सड़क पर अभी भी नाकाबंदी चल रही है।
ऐंठापली इलाके के लोगों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा है कि पुलिस ने 22 वर्षीय युवक को कस्टडी में लेने के बाद पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया है। वहीं, पुलिस का कहना है कि कथित आरोपी अविनाश मुंडा ने हिरासत में फंदा लगाकर सुसाइड किया है।
गुस्साई भीड़ ने मौत की खबर के बाद पुलिस स्टेशन में आग लगा दी है। भीड़ ने वाहनों को भी जलाया, जो पुलिस स्टेशन के परिसर में थे। टीओआई के मुताबिक घटना में महत्वपूर्ण सरकारी दस्तावेजों और पुलिस स्टेशन के फर्नीचर भी पूरी तरह जल गए हैं। स्थिति पर काबू पाने के लिए पुलिस ने विरोध कर रहे लोगों पर लाठीचार्ज किया। वहीं स्थिति को नियंत्रित करने के लिए मौके पर पुलिस बल के 7 प्लाटोन तैनात किए गए हैं।
इस घटना के बाद डीजीपी आर.पी शर्मा और दो पुलिसकर्मा को सस्पेंड कर दिया गया है। इंस्पेक्टर जनरल सुशांत नाथ का कहना है कि इस घटना की जांच मानवाधिकार सुरक्षा के पुलिस बल करेंगे। बता दें कि कल्याण मंडप चोरी मामले में अविनाश मुंडा को गुरुवार 8 फरवरी को ही हिरासत में लिया गया था।