निर्भया मामला: पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर लगाई रोक, कल सुबह मिलनी थी मौत की सजा

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: January 31, 2020 17:45 IST2020-01-31T17:41:24+5:302020-01-31T17:45:09+5:30

Nirbhaya gang-rape case: निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ‘ब्लैक वारंट’ जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया था।

Nirbhaya gang-rape case: Delhi Court stays execution of convicts till further orders | निर्भया मामला: पटियाला हाउस कोर्ट ने अगले आदेश तक फांसी पर लगाई रोक, कल सुबह मिलनी थी मौत की सजा

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Highlightsनिर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा पर शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। निर्भया मामले में दोषियों की फांसी की सजा एक फरवरी को होनी थी। 

निर्भया मामले में चारों दोषियों की फांसी की सजा पर शुक्रवार को दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने अपने अगले आदेश तक के लिए रोक लगा दी है। निर्भया मामले में दोषियों की फांसी की सजा एक फरवरी को होनी थी। इससे पहले कोर्ट ने एक फरवरी को दोषियों को फांसी दिए जाने पर रोक लगाने संबंधी आदेश सुरक्षित रखा था।

तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने फांसी की सजा पर रोक लगाने के तीन दोषियों के अनुरोध वाली याचिका की सुनवाई को दिल्ली की एक अदालत में चुनौती थी। तिहाड़ जेल के अधिकारियों ने दिल्ली की अदालत को बताया था कि केवल एक दोषी की ही दया याचिका लंबित है, अन्य को फांसी दी जा सकती है।

बता दें कि पटियाला हाउस कोर्ट में जिरह के दौरान सरकारी वकील ने कहा था कि विनय की याचिका पेंडिंग है। उसे छोड़कर बाकी दोषियों को फांसी देने का आदेश दिया जाए। वहीं, कोर्ट के जज ने दोषियों के वकील एपी सिंह से कहा था, कल सुबह छह बजे फांसी होनी है। मुझे आदेश भी जारी करने हैं तो आप तय कर लीजिए कि आप किसे डिफेंड करना चाहते हैं, खुद को या अपने क्लाइंट को।


इससे पहले निचली अदालत ने 17 जनवरी को मामले के चारों दोषियों मुकेश (32), पवन (25), विनय (26) और अक्षय (31) को मौत की सजा देने के लिए दूसरी बार ‘ब्लैक वारंट’ जारी किया था जिसमें एक फरवरी को सुबह छह बजे तिहाड़ जेल में उन्हें फांसी देने का आदेश दिया गया था। सात जनवरी को अदालत ने फांसी के लिए 22 जनवरी की तारीख तय की थी।

अब तक की स्थिति में दोषी मुकेश ने सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल कर लिया है। इसमें राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के समक्ष दया याचिका दाखिल करना भी शामिल है। उसकी दया याचिका राष्ट्रपति ने 17 जनवरी को ठुकरा दी थी। मुकेश ने फिर दया याचिका ठुकराए जाने को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिसने बुधवार को उसकी अपील खारिज कर दी।

गौरतलब है कि पैरा मेडिकल की 23 वर्षीय छात्रा से 16-17 दिसंबर 2012 की मध्यरात्रि को छह लोगों ने चलती बस में सामूहिक दुष्कर्म किया था और उसे सड़क पर फेंक दिया था। उसे इलाज के लिए सिंगापुर ले जाया गया था जहां 29 दिसंबर को उसकी मौत हो गई थी।

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