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निर्भया केस: पटियाला हाउस कोर्ट ने नहीं किया रद्द दोषियों के डेथ वॉरंट, कल सुबह दी जाएगी गुनहगारों को फांसी!

By स्वाति सिंह | Updated: March 2, 2020 13:36 IST

Nirbhaya Case: दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है।

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ठळक मुद्देसुप्रीम कोर्ट आज दोषी पवन गुप्ता की क्यूरेटिव याचिका खारिज हो गई है।निर्भया की मां का दावा है कि कल ही दोषियों की फांसी होगी।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद दोषी अक्षय और पवन की तरफ से लगाई गई याचिका को पटियाला हाउस कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस बीच दोषी पवन के वकील एपी सिंह एक बार फिर पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गए हैं और उनका कहना है कि डेथ वारंट पर रोक लगनी चाहिए, क्योंकि पवन ने राष्ट्रपति के सामने दया याचिका लगाई है। इस मामले में दोपहर 2 बजे सुनवाई होगी। हालांकि, निर्भया की मां का दावा है कि कल ही दोषियों की फांसी होगी।

जस्टिस एनवी रमना की अध्यक्षता वाली पांच सदस्यीय पीठ ने सुप्रीम कोर्ट में आज प वन की याचिका पर सुनवाई के बाद याचिका को खारिज करने का फैसला लिया है। बता दें तीन गुनहगारों की क्यूरेटिव याचिका पहले ही खारिज हो चुकी हैं।  इस मामले में चारों दोषी अपनी फांसी टालने के लिए नए-नए हथकंड़े अपना रहे हैं। इससे पहले विनय शर्मा ने खुद का सिर दीवार पर मार दिया था। 16 फरवरी को हुई घटना में उसे हल्की चोटें भी आई थी। दोषियों को वकील एपी सिंह का कहना है कि विनय की मानसिक स्थिति ठीक नहीं है। वह अपनी मां को भी नहीं पहचान पा रहा। 

सोमवार को दिल्ली कोर्ट में दोषियों द्वारा डेथ वारंट पर रोक की याचिका दायर किए जाने पर दिल्ली गैंगरेप पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि मैं 7 साल 3 महीने से संघर्ष कर रही हूं। वो कहते हैं हमें माफ कर दो। कोई कहता है कि मेरे पति,बच्चे की क्या गलती है। मैं कहती हूं कि मेरी बच्ची की क्या गलती थी? 

बता दें कि उच्चतम न्यायालय 2012 के निर्भया सामूहिक दुष्कर्म और हत्या मामले में फांसी की सजा का सामना कर रहे चार दोषियों में एक पवन कुमार गुप्ता की सुधारात्मक याचिका (क्यूरेटिव याचिका ) पर आज बंद कमरे में सुनवाई की।  न्यायमूर्ति एन वी रमण, न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा, न्यायमूर्ति आर एफ नरीमन, न्यायमूर्ति आर भानुमति और न्यायमूर्ति अशोक भूषण की पीठ न्यायमूर्ति रमण के चैंबर में सुधारात्मक याचिका पर सुनवाई की है।

पवन समेत तीन अन्य दोषियों को तीन मार्च को फांसी होने वाली है। लेकिन, ये कोर्ट के निर्णय के बाद भी अभी दोषियों के पास कानूनी विकल्प मौजूद हैपवन ने अपराध के समय खुद के नाबालिग होने का दावा करते हुए फांसी को उम्रकैद में बदलने का अनुरोध किया था । पवन ने वकील ए पी सिंह के जरिए सुधारात्मक याचिका दाखिल कर मामले में अपीलों और पुनर्विचार याचिकाओं पर उच्चतम न्यायालय के फैसले को खारिज करने का अनुरोध किया था।

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