Nirbhaya Case: दोषियों का फांसी से बचने के लिए एक और नया हथकंडा, इंटरनेशनल कोर्ट में दाखिल की याचिका

By भाषा | Published: March 17, 2020 05:49 AM2020-03-17T05:49:31+5:302020-03-17T05:49:31+5:30

दोषी के वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से ICJ में दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि चारों दोषियों... विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह ने अभी तक अपने सभी कानूनी उपचारों का उपयोग नहीं किया है।

Nirbhaya Case: convicts petition filed in international court icj to avoid execution | Nirbhaya Case: दोषियों का फांसी से बचने के लिए एक और नया हथकंडा, इंटरनेशनल कोर्ट में दाखिल की याचिका

निर्भया केस (फाइल फोटो)

Highlightsयाचिका में आईसीजे से अनुरोध किया गया है कि वह मामले के एकमात्र चश्मदीद, पीड़िता के मित्र, की गवाही झूठ होने की संभावनाओं की ‘‘तत्काल जांच करें।’’ ICJ की याचिका में दावा किया गया है कि दोषियों के साथ ‘गिनी पिग’ की भांती व्यवहार किया गया और उन्हें इस मामले में झूठ फंसाया गया है।

नयी दिल्ली: निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या कांड मामले के चार दोषियों में से तीन ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘‘गैरकानूनी फांसी की सजा’’ रोकने का अनुरोध करते हुए आरोप लगाया है कि ‘‘दोषपूर्ण’’ जांच के जरिये उन्हें दोषी करार दिया गया और उन्हें प्रयोग का माध्यम (गिनी पिग) बनाया गया है। दोषी के वकील ए.पी. सिंह के माध्यम से दायर याचिका में यह भी कहा गया है कि चारों दोषियों... विनय शर्मा, पवन कुमार गुप्ता, अक्षय सिंह और मुकेश सिंह ने अभी तक अपने सभी कानूनी उपचारों का उपयोग नहीं किया है।

याचिका में कहा गया है कि यह सूचित करना बहुत महत्वपूर्ण है कि ‘‘मौत की सजा पाए इन दोषियों के कानूनी उपचार/मुकदमे भारत में विभिन्न अदालतों/संवैधानिक संस्थाओं के समक्ष लंबित हैं, लेकिन बेहद आश्चर्यजनक और दुर्भायपूर्ण है कि भारत में, केन्द्रीय तिहाड़ जेल ने योजना तैयार कर ली है और उन्हें 20 मार्च को फांसी देने वाली है।’’ याचिका में आरोप लगाया गया है कि निर्भया मामले में दोषियों ने जांच के दौरान कई बार पॉलीग्राफ, लाइ डिटेक्टर और ब्रेन मैपिंग कराने का अनुरोध किया था, लेकिन ऐसे सभी अनुरोधों को बिना किसी तर्क के खारिज कर दिया गया।

याचिका में आईसीजे से अनुरोध किया गया है कि वह मामले के एकमात्र चश्मदीद, पीड़िता के मित्र, की गवाही झूठ होने की संभावनाओं की ‘‘तत्काल जांच करें।’’ उसमें दावा किया गया है कि दोषियों के साथ ‘गिनी पिग’ की भांती व्यवहार किया गया और उन्हें इस मामले में झूठ फंसाया गया है। आईसीजे से अनुरोध है कि वह मामले के तत्काल जांच का आदेश दे। निचली अदालत ने पांच मार्च को फिर से मौत का वारंट जारी करते हुए चारों दोषियों...मुकेश सिंह, पवन गुप्ता, विनय शर्मा और अक्षय सिंह को फांसी देने के लिए 20 मार्च सुबह साढ़े पांच बजे का वक्त तय किया। 

Web Title: Nirbhaya Case: convicts petition filed in international court icj to avoid execution

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