पतंग पकड़ने की धुन, ट्रेन की चपेट में आया लड़का, मौत, हफ्ते भर में गई दूसरी जान, दादी का सहारा था...
By लोकमत समाचार ब्यूरो | Published: January 6, 2021 05:29 PM2021-01-06T17:29:15+5:302021-01-06T17:31:10+5:30
महाराष्ट्र के नागपुर में कोराडी की शिवकृष्ण धाम झोपड़पट्टी के पास यह हादसा हुआ. बारह साल के बालक की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई.
नागपुरः पतंग पकड़ने की धुन में दौड़ रहे बारह साल के बालक की ट्रेन की चपेट में आकर मौत हो गई. यह दर्दनाक हादसा मंगलवार की दोपहर कोराडी की शिवकृष्ण धाम झोपड़पट्टी के पास हुआ.
मृतक ऐंटा विनोद सोलंकी है. ऐंटा के पिता की पांच साल पहले सड़क दुर्घटना में मौत हो गई है. इसके बाद से मां का भी पता नहीं है. उसका एक भाई है जो मुंबई में रिश्तेदार के पास रहता है. ऐंटा 75 वर्षीय दादी के साथ रहता था. उसकी दादी वॉक्स कूलर के पास स्थित ओवर ब्रिज के नीचे झोपड़ी में रहती है.
वह भीख मांगकर गुजारा करती है. मंगलवार की दोपहर ऐंटा ने दादी के साथ भोजन किया और खेलने के लिए घर से निकला. दोपहर 2.30 बजे वह रेलवे पटरी के किनारे कटी पतंग को देखकर उसे पकड़ने के लिए दौड़ा. उसी वक्त नागपुर से दिल्ली जा रही ट्रेन तेजी से आई.
घटनास्थल से कुछ दूरी पर मजदूर पटरी की मरम्मत कर रहे थे
पतंग पकड़ने की धुन में आसमान की ओर देख रहे ऐंटा को कुछ भी भान नहीं रहा. वह पटरी की ओर जाने लगा. घटनास्थल से कुछ दूरी पर मजदूर पटरी की मरम्मत कर रहे थे. ऐंटा को पटरी की ओर जाते देखकर वे शोर मचाने लगे. यह शोर भी ऐंटा को सुनाई नहीं दिया. मजदूर कुछ कर पाते, इसके पहले ही ट्रेन से टकराकर ऐंटा गंभीर रूप से जख्मी हो गया. उसकी मौके पर ही मौत हो गई.
मजदूरों ने कोराडी पुलिस तथा रेलवे अधिकारियों को घटना की सूचना दी. कोराडी पुलिस मौके पर पहुंच गई. उसने ऐंटा का शव मेयो अस्पताल रवाना किया. पोते की मौत का पता चलते ही वृद्ध दादी गहरे सदमे में आ गई. पुलिस ने ऐंटा के रिश्तेदारों को घटना की सूचना दी. उनकी मदद से आज उसकी अंत्येष्टि की गई.
महिला हवलदार योगिता ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया
महिला हवलदार योगिता ने आकस्मिक मृत्यु का मामला दर्ज किया है. हफ्ते भर में पतंग की वजह से बालक की मौत की यह दूसरी घटना है. 29 दिसंबर को वाड़ी बायपास मार्ग पर पतंग पकड़ने के प्रयास में अज्ञात चार पहिया वाहन की चपेट में आकर 7 वर्षीय वंश विकास तिरपुड़े की मौत हो गई थी.
वंश कटी हुई पतंग पकड़ने के प्रयास में सड़क पर चला गया था. उसी वक्त सफेद रंग के चार पहिया वाहन ने उसे कुचल डाला था. वह भी माता-पिता का इकलौता बेटा था. इसी तरह 30 दिसंबर को मानकापुर के झिंगाबाई टाकली में नायलॉन मांजे की चपेट में आने से 17 वर्षीय आदित्य संतोष भारद्वाज गंभीर रूप से जख्मी हो गया था. पतंग अथवा नायलॉन मांजा की चपेट में आने से हुए छोटे-मोटे हादसों का पता नहीं चल पाता है. मकर संक्रांति को एक हफ्ता बाकी है. ऐसे में आगामी दिन और भी जोखिम भरे हो सकते हैं.