रांचीः झारखंड की पूर्व खान व उद्योग सचिव पूजा सिंघल पर ईडी के द्वारा नकेल कसे जाने के बाद राज्य में नौकरशाह-दलाल सिंडिकेट की परत-दर-परत खुलती जा रही है. ईडी को जैसे-जैसे नई जानकारी हाथ लग रही है, कार्रवाई का दायरा भी बढ़ता जा रहा है.
इस सिंडिकेट के एक और सहयोगी प्रेम प्रकाश के हरमू हाउसिंग कॉलोनी स्थित ठिकानों पर ईडी ने आज छापेमारी की है. सूत्रों के अनुसार पूजा सिंघल मामले में ईडी की कार्रवाई के दौरान प्रेम प्रकाश का नाम भी सामने आया था. इसी आधार पर छापेमारी की गई है. इससे पहले ईडी टीम ने मंगलवार को रांची में दो बिल्डरों के घर छापेमारी की थी.
यह छापेमारी विनायका ग्रुप के मालिक विशाल चौधरी, राजीव अरुण एक्का के रिश्तेदार निशिथ केसरी के घर और कार्यालय में की गई थी. इस दौरान करोड़ों के लेन-देन से जुडे़ दस्तावेज जब्त किए गए थे. अधिकारियों की काली कमाई के कई साक्ष्य मिले थे. अधिकारियों के चहेता माने जानेवाले विशाल चौधरी के यहां से पता चला था कि दस दिनों में उसने 10 करोड रुपये का ट्रांजेक्शन किया है.
विशाल चौधरी और बिल्डर निशित केशरी के तार भी आपस में जुडे़ हैं क्योंकि, जहां एक ओर दोनों का पावर श्रोत एक ही अधिकारी था. दूसरी ओर, बिल्डर निशित केशरी मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव अरुण एक्का का रिश्तेदार है. विशाल चौधरी की उस अधिकारी से घनिष्ठता है.
अधिकारियों के बीच चर्चा इस बात की है कि रिश्तेदार होने के बावजूद अधिकारी का ज्यादा करीब निशित केशरी की बजाय विशाल चौधरी ही था. कहा जा रहा है कि निशित को इस बात की जानकारी पहले से थी कि संबंधित अधिकारी से अगर कोई काम हो या कोई काम कराना है तब विशाल चौधरी को ही बोलना होगा.
इसलिए हमेशा निशित केशरी, विशाल चौधरी के संपर्क में रहता था. अगर निशित केशरी के अपने परिचय का कोई अधिकारी होता था और उसे वरीय अधिकारियों से निजी या विभागीय स्तर पर कोई काम कराने की आवश्यकता होती है. तब निशित संबंधित अधिकारी को विशाल चौधरी से मिलाने का काम भी करता था.
अधिकारियों के बीच चर्चा इस बात की भी है कि काम के एवज के पैसा की बोली भी लगती थी. ईडी की छापेमारी के बाद अधिकारियों के बीच चर्चा इस बात की है कि दोनों के मोबाइल का सीडीआर हासिल करने के बाद विशाल चौधरी का अधिकारियों के साथ कनेक्शन का पूरा खुलासा हो सकता है.
अधिकारी दोनों के बीच बीच बातचीत के बारे में जानकारी एकत्र करने के लिए उनके व्हाट्सऐप चैट को खंगाल सकती है. इसके अलावा अगर पूर्व में किया गया कोई व्हाट्सएप चैट डिलीट किया गया है. तब उसे रिकवर कर उसकी भी जांच से कई खुलासे हो सकते हैं.