Lucknow mass murder: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में नए साल के पहले ही दिन एक बेटे ने अपनी मां और चार बहनों की हत्या कर दी. लखनऊ के नाका क्षेत्र में बने शरणजीत होटल में यह हत्याकांड हुआ. 24 वर्षीय अरशद ने इस हत्याकांड को अंजाम दिया है. वह आगरा का रहने वाला है. पुलिस ने अरशद को गिरफ्तार कर लिया है. हत्याकांड के समय अरशद का पिता भी उसके साथ था, जो फरार है. पुलिस को अरशद के पास से एक वीडियो मिला है.पुलिस के अनुसार, अरशद ने इन हत्याओं के लिए बस्ती वालों को जिम्मेदार बताया है.
अरशद के माना है कि उसने अपने मोहल्ले वालों से तंग आकर अपनी मां और चारों बहनों को मार डाला. मेरे पापा ने हत्याकांड में मेरा साथ दिया और वो अब सुसाइड करने गए हैं. पुलिस अरशद के पिता को तलाश रही है. अभी तक उनका कुछ भी पता नहीं लग पाया है.
हत्या के बाद बनाया वीडियो
अपने परिवार के पांच लोगों की हत्या करने वाला अरशद नाका क्षेत्र के शरणजीत होटल में 30 दिसंबर को परिवार के साथ रुकने के लिए आया था. वह सभी होटल के रूम नंबर 109 में रुके थे. 31 दिसंबर 2024 की रात में अरशद (उम्र 24 वर्ष) ने अपनी मां और चार बहनों रहमीन, अल्शिया, अक्शा और आलिया की हत्या कर दी.
सभी के हाथ की नस कटी हुई है. माना जा रहा है कि सभी की मौत खून बहने की वजह से हुई है. अरशद को हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की जा रही है. प्रारंभिक पूछताछ में उसने हत्या करने का कारण पारिवारिक कलह बताया था. इस बीच पुलिस को उसके पास से एक वीडियो मिला है. यह वीडियो अरशद ने पांचों कत्ल को अंजाम देने के दौरान बनाया था. इस वीडियो में कातिल ने खुद चार लाश दिखाईं.
बोला- ये देखो ये मेरी अम्मी है, ये मेरी तीन बहनें. ये सभी मर चुकी हैं. इसके बाद कातिल ने कैमरा घुमाया. एक और लड़की के मुंह पर किसी शख्स ने हाथ रखा. ये हाथ कातिल के पिता ने ही लड़की के मुंह पर रखा था ताकि उसका शोर किसी को सुनाई न दे. कातिल बोला- ये चौथी है, ये भी मरने वाली है. इसके बाद सुबह तक मैं भी मर जाऊंगा. बस यही चाहता हूं कि हमें तंग करने वालों को कड़ी से कड़ी सजा मिले.
बांग्लादेशी कहकर चिढ़ाते हैं
अरशद ने इस वीडियो में कहा- मेरी बस्ती के मुसलमान लोगों ने मेरे आधे प्लॉट पर कब्जा कर लिया है. वो पूरे प्लॉट पर कब्जा करना चाहते हैं. हम लोग इसका विरोध करते थे. वो लोग हमें फिर इसी बात को लेकर तंग करने लगे. पड़ोस में रहने वाला एक शख्स मेरी बहन को हैदराबाद में बेचने का प्लान बना रहा था.
हम लोग हिंदू धर्म अपनाना चाह रहे थे ताकि इन लोगों से हमें छुटकारा मिल जाए. हमने कई लोगों से मदद मांगी. लेकिन किसी ने भी हमारी मदद नहीं की. न पुलिस ने, न बजरंग दल ने और न ही किसी बीजेपी के नेता ने. पड़ोसी हमें बांग्लादेशी कहकर टॉर्चर देते थे. जबकि, हम लोग 1947 से बदायूं में ही रह रहे हैं.
मेरे दादा से लेकर परदाता तक. हम भारत के ही रहने वाले हैं. हमारे आरोपियों को सजा मिलनी चाहिए. फिलहाल, आरोपी अरशद पुलिस की गिरफ्त में है. उसके फरार पिता की तलाश की जा रही है. शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है. पुलिस हत्याकांड के हर पहलू के सबूत जुटाने में जुटी है.