काशी 16 साल पहले आज के दिन आतंकी हमले से दहल उठी थी, बम धमाके में 28 लोगों की हुई थी मौत, पीड़ितों को आज भी नहीं मिला है न्याय
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 7, 2022 10:52 PM2022-03-07T22:52:48+5:302022-03-07T22:59:31+5:30
काशी में हुए आतंकी सीरियल बम की उस घटना को आज पूरे 16 साल हो जाएंगे। हर साल काशी की जनता संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर इस आतंकी घटना को याद करते मरने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
वाराणसी: आज से ठीक 16 साल पहले मंगलवार के दिन काशी के लोग संकटमोचन मंदिर में हनुमान जी की पूजा-अर्चना कर रहे थे, तभी एक जोरदार धमाका हुआ और देखते ही देखते पल भर में 10 जिंदा शरीर लाशों में तब्दील हो गये।
काशी में अस्सी नदी के किनारे संकटमोचन मंदिर की स्थापना 16वीं शताब्दी में ‘रामचरितमानस’ और ‘हनुमान चालीसा’ की रचना करने वाले गोस्वामी तुलसीदास ने की थी।
संकटमोचन मंदिर में चारों तरफ चीख पुकार मची ही थी कि वाराणसी के कैंट रेलवे स्टेशन पर एक और बम धमाका हुआ और इस धमाके में 18 लोगों के चिथड़े उड़ गये। कैंट पर यह धमाका उस समय हुआ जब वाराणसी से नई दिल्ली जाने वाली शिवगंगा एक्सप्रेस दिल्ली के लिए रवाना होने वाली थी।
इन दोनों धमाकों में कुल मिलाकर 28 लोगों की मौत हुई थी, वहीं 100 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इसी दौरान दोनों बम धमाके के बाद गोदौलिया दूधसट्टी के पास भी एक कुकर बम भी बरामद हुआ था।
बारूदी हवा ने काशी की गंगा-जमुनी आबोहवा को जहरीले धुएं में बदल कर रख दिया। जी हां, तारीख थी 7 मार्च 2006। काशी के लोग इस तारीख को आज भी अपने जहन से मिटा नहीं पाये हैं। 7 मार्च की याद आते ही काशी आज भी दहल उठती है।
काशी में हुए आतंकी सीरियल बम की उस घटना को आज पूरे 16 साल हो जाएंगे। हर साल काशी की जनता संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन पर इस आतंकी घटना को याद करते मरने वालों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस बम धमाके के पीछे पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैय्यबा का नाम सामने आया था।
काशी बम धमाके के आरोपी के तौर पर लखनऊ पुलिस ने इलाहाबाद के फूलपुर के रहने वाले वलीउल्लाह को गिरफ्तार किया। बम धमाके की जांच कर रही वाराणसी पुलिस ने वलीउल्लाह को रिमांड पर लेकर कचहरी में पेश किया तो वकीलों ने जूते निकालकर वलीउल्लाह को मारने के लिए दौड़ा लिया और उसका केस लड़ने से इनकार कर दिया।
बाद में संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन विस्फोट मामले में वलीउल्लाह का केस गाजियाबाद कोर्ट ले चला और वह डासना जेल में बंद रहा। एटीएस ने वाराणसी बम धमाके की जांच में सिमी और इंडियन मुजाहिदीन से जुड़े संदिग्ध आतंकी अब्दुल सुभान कुरैशी उर्फ तौकीर को भी दबोचा।
जानकारी के मुताबिक कथित तौर पर तौकीर इंडियन मुजाहिदीन का मेंबर था, जिसने केवल वाराणसी के संकटमोचन मंदिर और कैंट रेलवे स्टेशन ही नहीं बल्कि जयपुर में आतंकी वारदात को अंजाम दिया था।
अफसोस की बात यह है कि काशी बम धमाके के 16 साल गुजर जाने के बाद भी गुनहगारों को अब तक सजा नहीं हुई है। काशी में मृतकों और घायलों के परिवार वाले आज भी इंसाफ का इंतजार कर रहे हैं।