कर्नाटक: जैन मुनि श्री कामकुमार नंदी महाराज की हत्या की जांच सीआईडी करेगी, सीएम सिद्धरमैया ने की घोषणा
By शिवेन्द्र कुमार राय | Published: July 19, 2023 05:45 PM2023-07-19T17:45:30+5:302023-07-19T17:47:37+5:30
जैन मुनि आचार्य श्री कामकुमार नंदी महाराज की निर्मम हत्या की जांच पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से कराई जाएगी। पुलिस ने इस मामले में नारायण बसप्पा मडी और हसन दलायथ को गिरफ्तार किया है।
बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने बेलगावी जिले में जैन मुनि आचार्य श्री कामकुमार नंदी महाराज की निर्मम हत्या की जांच पुलिस के अपराध जांच विभाग (सीआईडी) से कराने की घोषणा की है। विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और जैन समुदाय के एक वर्ग ने इस मामले की जांच केन्द्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की मांग की थी।
सिद्धरमैया ने बुधवार को विधानसभा में एक बयान में कहा, "चूंकि, यह मामला संवेदनशील है इसलिए जनता के अनुरोध के बाद इस मामले की जांच सीआईडी को सौंपी जाएगी।" मुख्यमंत्री ने इस घटना और अब तक की जांच का विवरण भी साझा किया। नंदी पर्वत आश्रम के जैन मुनि कामकुमार नंदी महाराज बेलगावी के चिक्कोडी तालुक के हिरेकोडी में एक मठ के प्रमुख थे। उनकी कथित तौर पर हत्या करने के बाद शव को रायबाग तालुक के खटकभावी गांव में एक बोरवेल के गड्ढे में फेंक दिया गया था।
पुलिस ने इस मामले में नारायण बसप्पा मडी और हसन दलायथ को गिरफ्तार किया है। विपक्षी भाजपा ने हत्या की सीबीआई जांच की मांग को लेकर विधानसभा के अंदर और बाहर दोनों जगह विरोध प्रदर्शन किया था। भाजपा ने इस संबंध में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत को भी याचिका दी थी।
राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष ने हाल ही में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया को पत्र लिखकर जैन मुनि की हत्या की जांच पुलिस महानिरीक्षक स्तर के एक बहुत वरिष्ठ अधिकारी को सौंपने के लिए कहा था ताकि साजिश का पर्दाफाश' किया जा सके।
इस मामले में गिरफ्तार किया गया आरोपी नारायण निर्माण के लिए रेत की आपूर्ति करता था और वह जैन भिक्षुओं का करीबी था। गौरतलब है कि आरोपी नारायण ने कुछ ही महीनों में दो टिपर लॉरी खरीदी और रेत की सप्लाई शुरू कर दी। दूसरा आरोपी हसनब मक्क्कुल दलायत इन लॉरियों का ड्राइवर था। लॉरी खरीदने के लिए कर्ज लेने वाले आरोपी ने पैसे नहीं लौटाए और इसलिए, साधु उससे पैसे वापस करने के लिए कह रहे थे।
इसी पृष्ठभूमि में आरोपियों ने साधु की हत्या की साजिश रची। पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद डायरी और खून से सने कपड़ों को जलाकर नष्ट कर दिया गया। फिर उसने शव को बोरे में डाला और बाइक से कटकाभावी के खेत में ले गया और बोरवेल में फेंकने का फैसला किया। जब पूरा शव नहीं फेंका जा सका तो शव के टुकड़े कर दिए गए। जांच से पता चला कि हत्या पैसे के इरादे से की गई थी।