उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथकानपुर जिले के चौबेपुर में हुए मुठभेड़ घायल हुए पुलिसकर्मियों से अस्पताल में मुलाकात की। योगी आदित्यनाथ ने मुठभेड़ में शहीद हुए पुलिस वालों को श्रद्धाजंलि भी दी।
पुलिस द्वारा जारी बयान के मुताबिक देर रात हुई मुठभेड़ में अपराधी पुलिस कर्मियों के हथियार भी छीन ले गये जिनमें एके 47 रायफल, एक इंसास रायफल, एक ग्लाक पिस्टल तथा दो नाइन एमएम पिस्तौल शामिल है । पुलिस ने शुक्रवार को बताया कि चौबेपुर थाने के दिकरू गांव में रहने वाले हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे को पकड़ने के लिए गुरुवार देर रात पुलिस टीम गई थी। दुबे पर 60 आपराधिक मामले दर्ज हैं। पुलिस दल जैसे ही दुबे के छिपने के ठिकाने पर पहुंचा, अचानक छत से गोलियों की बौछार शुरू हो गयी और पुलिस उपाधीक्षक देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कांस्टेबल की इस गोलीबारी में मौत हो गयी।
कानपुर के पुलिस महानिरीक्षक मोहित अग्रवाल ने बताया, '' कल रात की घटना के बाद निवादा के पास भागे अपराधियों के साथ हुयी एक अन्य मुठभेड़ में दो अपराधी मारे गये है, जिनकी पहचान प्रेम प्रकाश पांडेय और अतुल दुबे के रूप में हुई है । रात में शहीद पुलिस कर्मियों से लूटे गये चार हथियारों में से एक पिस्तौल शुक्रवार सुबह मुठभेड़ में मारे गये एक अपराधी के पास से बरामद हो गयी है ।''
उन्होंने बताया कि शुक्रवार सुबह हुई मुठभेड़ में दो पुलिसकर्मी घायल हुये जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया है। मृतकों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डीएसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), उप निरीक्षक अनूप कुमार सिंह (32), उप निरीक्षक नेबू लाल (48), कांस्टेबल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं।
एसटीएफ आईजी अमिताभ यश ने संवाददाताओं को बताया कि राजधानी में एसटीएफ ने 2017 में जब दुबे को गिरफ्तार किया था तो उसके पास से आटोमेटिक 30 स्प्रिंग रायफल बरामद हुई थी। बाद में यह आटोमेटिक रायफल लखनऊ की अदालत ने किसी के सुपुर्द कर दी थी। यह रायफल पुलिसकर्मी पर हमले में इस्तेमाल की गयी थी।
यश ने कहा कि इस बात की भी जांच होगी कि यह रायफल किसी अन्य को किन परिस्थितियों में अदालत द्वारा सुपुर्द की गयी। दुबे के ऊपर 25 हजार रूपये का इनाम घोषित था । उसे एसटीएफ ने कृष्णानगर इलाके से 2017 में गिरफ्तार किया था। सूत्रों के अनुसार दुबे ने 2001 में राज्य मंत्री स्तर के एक भाजपा नेता की पुलिस थाने के अंदर घुसकर कथित तौर पर हत्या भी की थी ।