कानपुर:उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में हुए एनकाउंटर (kanpur Encounter) के मास्टरमाइंड हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे के खिलाफ प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है। JCB मशीन लगाकर विकास दुबे के घर को गिरा दिया गया। ये वही घर है जहां से विकास दुबे ने उत्तर प्रदेश की पुलिस पर फायरिंग की थी। विकास दुबे का ये घर कानपुर के पुलिस चौबेपुर थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में है। कार्रवाई के दौरान घर पर मौजूद गाड़ियों, ट्रैक्टर-ट्राली को भी नहीं छोड़ा गया। एक-एक कर सब पर जेसीबी चलाई गई है। पुलिस की एक टीम विकास दुबे के घर के पास गश्त भी कर रही है। कानपुर शूटआउट में पुलिस उपाधीक्षक सहित 8 सिपाही शहीद हो गए हैं। पुलिस ने विकास दुबे का सुराग देने वाले को 50,000 रुपये के इनाम की घोषणा की है।
प्रशासन ने विकास दूबे के किले जैसे घर के अंदर रही कार और अन्य गाड़ियों को भी तोड़ दिया है। घर का पूरा हिस्सा मलबे में बदल गया है। विकास दुबे ने गिरफ्तार करने आ रही पुलिस का जिस जेसीबी से रास्ता रोका था, उसी मशीन से प्रशासन ने उसका घर गिराया है।
विकास दुबे के कॉल डिटेल में पुलिसकर्मियों के नंबर: सूत्रों का दावा
शुक्रवार (3 जुलाई) रात पुलिस की अलग-अलग टीमें हर उस जगह पर गई, जहां विकास दुबे के रिश्तेदार और परिचित रहते हैं। पुलिस ने इस मामले में पूछताछ के लिए 12 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस ने इन लोगों को विकास दुबे के पिछले 24 घंटे के मोबाइल कॉल डिटेल के आधार पर हिरासत में लिया है। इसमें सबसे हैरानी की बात यह है कि विकास दुबे के फोन की कॉल डिटेल में कुछ पुलिसवालों के नंबर भी सामने आए हैं। जिन्होंने पिछले 24 घंटे के भीतर विकास दुबे से बात की थी।
जानें कानपुर शूटआउट में क्या हुआ?
उत्तर प्रदेश के कानपुर में पुलिस की एक टीम पर हिस्ट्रीशीटर विकास दुबे और उसके साथ अन्य अपराधियों ने हमला किया। जिसमें 3 जुलाई तड़के पुलिस उपाधीक्षक सहित उत्तर प्रदेश पुलिस (UP Police) के आठ पुलिसकर्मी शहीद हो गए। आठ पुलिस कर्मी घायल हैं, जबकि दो अपराधी भी इस दौरान मारे गए।
पुलिस ने बताया कि दो और तीन जुलाई की मध्य रात्रि को चौबेपुर पुलिस थाने के अंतर्गत बिकरू गांव में पुलिस की टीम आदतन अपराधी विकास दुबे को गिरफ्तार करने जा रही था। उसी दौरान मुठभेड़ हो गई। जैसे ही पुलिस का एक दल अपराधी के ठिकाने के पास पहुंचने ही वाला था। उसी दौरान एक इमारत की छत से पुलिस दल पर अंधाधुंध गोलीबारी की गई जिसमें पुलिस उपाधीक्षक एस पी देवेंद्र मिश्रा, तीन उप निरीक्षक और चार कॉन्स्टेबल मारे गए। ये सब इतनी जल्दीबाजी में हुआ कि पुलिस को संभलने का मौक नहीं मिला। एसओ बिठूर समेत 6 पुलिसकर्मी और एक आम नागरिक गंभीर रूप से घायल है। सभी घायलों को गंभीर हालत में रीजेंसी अस्पताल में भर्ती कराया गया है।
शहीद होने वाले पुलिसकर्मियों में बिल्हौर के क्षेत्राधिकारी डिप्टी एसपी देवेंद्र मिश्रा (54), थानाध्यक्ष शिवराजपुर महेश कुमार यादव (42), सब इंस्पेक्टर अनूप कुमार सिंह (32), सब इंस्पेक्टर नेबू लाल (48), कांस्टेबिल जितेंद्र पाल (26), सुल्तान सिंह (35), बबलू कुमार (23) और राहुल कुमार (24) शामिल हैं