दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज छेड़छाड़ केस पर विवाद बढ़ता ही जा रहा है। गार्गी कॉलेज की हजारों छात्राएं इसके खिलाफ धरना प्रदर्शन कर रही हैं। राष्ट्रीय महिला आयोग ने मामले पर संज्ञान लिया है। राष्ट्रीय महिला आयोग की एक टीम घटना वाले जगह पर जांच करने पहुंचेगी। दिल्ली पुलिस के डीसीपी साउथ के मुताबिक गार्गी कॉलेज मामले में अब तक किसी भी तरह की कोई भी शिकायत पुलिस को नहीं दी गई है। लेकिन फिर भी हमें जांच शरू कर दी है। पुलिस ने कहा है कि एक टीम कॉलेज परिसर पहुंच चुकी है। गार्गी कॉलेज में 6 फरवरी की शाम कॉलेज के कार्यक्रम में अचानक भीड़ घुस गई और मौजूद छात्राओं को गलत तरह से छुआ बल्कि उन छात्राओं के सामने ही मास्टरबैट किया।
जानें उस रात क्या हुआ था?
6 फरवरी 2020 की शाम दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज कार्यक्रम के दौरान जैसे-जैसे भीड़ बढ़ती गई बाहरी लोगों ने मौके का फायदा उठाकर छात्राओं को छेड़ना शुरू कर दिया।
छात्रा ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने हमे देखकर मास्टरबैट किया। यही नहीं पुरुषों का समूह लड़कियों को छेड़ता और परेशान करता रहा। छात्रा की मानें तो नशे में धुत लोगों के समूह ने बिना किसी से डरे घंटों तक छेड़छाड़ और यौन उत्पीड़न किया।
छात्रों ने यह भी कहा है कि बाहरी लोग, जो कॉलेज में थे, छात्रों ने कॉलेज में तोडफोड़ की और छात्रों को पीटा, उन्हें वॉशरूम में बंद कर दिया और उनके साथ दुर्व्यवहार किया।
यह घटना 3-दिवसीय कॉलेज उत्सव के दौरान हुई थी। छात्रों ने आरोप लगाया है कि कॉलेज में घुसने वाले बाहरी लोग पास में CAA के समर्थन में हो रहे रैली में भाग लेने आए थे। उन्हीं लोगों ने कॉलेज में प्रवेश किया और छात्रों को परेशान किया।
'फेस्ट के आखिरी दिन गुरुवार दोपहर बाद 3 बजे से रात 9 बजे तक लड़कियों से छेड़छाड़ और अश्लील हरकतें हुईं। यानी छात्राओं को ये सब 6 घंटे झेलने पड़े। आरोप है कि जैमर के चलते वे फोन कर शिकायत भी नहीं कर पाईं।
छात्राओं ने मीडिया से बात करते हुए कहा है कि आरोपी गलत तरीके से कॉलेज में घुसे। कुछ ने तो दीवार फांदी। फेस्ट के दौरान पुलिस और कॉलेज की सिक्यॉरिटी तैनात थी, लेकिन उन्होंने कुछ नहीं किया। पास और ID कार्ड देखे बिना ही लोगों को अंदर आने दिया गया। प्रिंसिपल और कॉलेज प्रशासन से मदद नहीं मिली।'