अवैध सट्टेबाजी ऐप 1xBet मामले में पेशी?, प्रवर्तन निदेशालय ऑफिस पहुंचे सुरेश रैना
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: August 13, 2025 15:52 IST2025-08-13T12:24:38+5:302025-08-13T15:52:50+5:30
संघीय जांच एजेंसी एक ‘‘अवैध’’ सट्टेबाजी ऐप (1एक्सबेट) से जुड़ी जांच के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज करेगी।

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नई दिल्लीः प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने पूर्व भारतीय क्रिकेटर सुरेश रैना से कथित अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े धन शोधन मामले में बुधवार को पूछताछ की। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। रैना (38) को सुबह करीब 11 बजे अपनी उपस्थिति दर्ज कराने से पहले मध्य दिल्ली स्थित एजेंसी कार्यालय के बाहर केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) कर्मियों और ईडी के कर्मचारियों के साथ बातचीत करते देखा गया। सूत्रों ने बताया कि संघीय जांच एजेंसी ने एक ‘‘अवैध’’ सट्टेबाजी ऐप (1एक्सबेट) से जुड़ी जांच के सिलसिले में धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत उनका बयान दर्ज किया।
#WATCH | Former Indian Cricketer Suresh Raina reaches ED office in Delhi to record his statement in 1xBet case following summons by the agency. pic.twitter.com/df9EYHIzJc
— ANI (@ANI) August 13, 2025
ऐसा माना जा रहा है कि पूर्व भारतीय क्रिकेटर कुछ विज्ञापनों के जरिए इस ऐप से जुड़े हुए हैं। ईडी इस ऐप से उनके संबंधों, इसके प्रचार से की कमायी और दोनों पक्षों के बीच संचार के माध्यम के बारे में पूछताछ करना चाहती है। एजेंसी ने हाल ही में इस जांच के तहत गूगल और मेटा के प्रतिनिधियों को पूछताछ के लिए बुलाया था।
उसने मंगलवार को ‘परिमैच’ नामक एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के खिलाफ इसी तरह की जांच के सिलसिले में कई राज्यों में तलाशी भी ली थी। एजेंसी विभिन्न अवैध सट्टेबाजी ऐप से जुड़े कई ऐसे मामलों की जांच कर रही है, जिनमें लोगों और निवेशकों से करोड़ों रुपये की ठगी किए जाने या भारी मात्रा में कर चोरी का आरोप है।
बाजार विश्लेषण कंपनियों और जांच एजेंसियों के अनुमान के अनुसार, ऐसे विभिन्न ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स के लगभग 22 करोड़ भारतीय उपयोगकर्ता हैं, जिनमें से आधे (लगभग 11 करोड़) नियमित उपयोगकर्ता हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप का बाजार 100 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और 30 प्रतिशत की दर से बढ़ रहा है।
सरकार ने पिछले महीने संसद को बताया था कि उसने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए मंच को ब्लॉक करने के लिए 2022 से जून 2025 तक 1,524 आदेश जारी किए हैं। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री जितिन प्रसाद ने लोकसभा को एक लिखित उत्तर में बताया कि जीएसटी खुफिया महानिदेशालय मुख्यालय को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 (आईटी अधिनियम) और आईजीएसटी अधिनियम के तहत एक उपयुक्त सरकारी एजेंसी के रूप में अधिकार प्राप्त है कि वह आईजीएसटी अधिनियम का उल्लंघन करने वाले अपंजीकृत ‘मनी गेमिंग’ मंच को ब्लॉक करने के लिए बिचौलियों को निर्देश दे। मंत्री ने कहा कि राज्य और केंद्र शासित प्रदेश अवैध सट्टेबाजी और जुए पर कार्रवाई सहित अपराधों की रोकथाम, पता लगाने, जांच और अभियोजन के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार हैं।
ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़े पीएमएलए मामले में अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू ईडी के समक्ष पेश हुईं
तेलुगु अभिनेत्री लक्ष्मी मांचू अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुए से जुड़े धन शोधन के एक मामले में पूछताछ के लिए बुधवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के समक्ष पेश हुईं। लक्ष्मी एजेंसी के यहां स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में अधिकारियों के समक्ष पेश हुईं। संघीय एजेंसी ने पिछले महीने चार अभिनेताओं प्रकाश राज, विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और लक्ष्मी मांचू को समन जारी कर मामले में पूछताछ के लिए एजेंसी के क्षेत्रीय कार्यालय में अलग-अलग तारीखों पर पेश होने को कहा था। राज, देवरकोंडा और दग्गुबाती निदेशालय के सामने पेश हो चुके है।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, इन अभिनेताओं ने कथित तौर पर ‘‘अवैध’’ धन जुटाने में शामिल ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के समर्थन में ‘‘प्रचार’’ किया था। एजेंसी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत तीनों अभिनेताओं के बयान दर्ज किए हैं।
ईडी ने इन अभिनेताओं, कई अन्य मशहूर हस्तियों और सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ के खिलाफ मामला दर्ज करने के लिए राज्य पुलिस द्वारा दर्ज की गई पांच प्राथमिकी पर संज्ञान लिया था। ईडी के सूत्रों ने बताया कि इन व्यक्तियों पर ‘सेलिब्रिटी’ या विज्ञापन शुल्क के एवज में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप के समर्थन में ‘‘प्रचार’’ करने का संदेह है।
उन्होंने बताया कि इन मंचों पर अवैध सट्टेबाजी और जुए के जरिए करोड़ों रुपये की ‘‘अवैध’’ धनराशि अर्जित करने का आरोप है। देवरकोंडा ने हाल में कहा था कि उन्होंने एक ‘गेमिंग ऐप’ का प्रचार किया था। उन्होंने कहा था कि ये ‘गेमिंग ऐप’ पूरी तरह से वैध हैं और सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त है।