दिल्ली पुलिस ने 6 ऑनलाइन जालसाजों को पकड़ा, धोखाधड़ी में दो विदेशी नागरिक भी शामिल
By आशीष कुमार पाण्डेय | Published: March 18, 2022 07:17 AM2022-03-18T07:17:32+5:302022-03-18T07:23:46+5:30
दिल्ली पुलिसकी साइबर टीम ने ऐसे ऑनलाइन जालसाजी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है, जो अब तक लगभग 500 से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी से चूना लगा चुके हैं। 6 जालसाजों का यह गिरोह तब दिल्ली पुलिस के हत्थे चढ़ा जब दिल्ली की एक अस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर ने सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई।
दिल्ली:दिल्ली पुलिस की साइबर सेंट्रल टीम ने 6 अंतरराष्ट्रीय जालसाजों को गिरफ्तार किया है, जो उपहार और विदेशी करेंसी पर सीमा शुल्क और अन्य शुल्क वसूलने के बहाने लोगों को ऑनलाइन धोखाधड़ी का शिकार बनाते थे।
दिल्ली पुलिस की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक यह गैंग करीब 7 साल से पूरे देश में सक्रिय था। पुलिस ने इनके पास से अलग-अलग बैंकों के 35 बैंक खाते और 27 डेबिट कार्ड बरामद किए गए हैं।
आरोपियों के बैंक खातों में 1,25,000 रुपये नकद जमा थे और मुख्य आरोपी के पास से ठगी की राशि से खरीदी गई एक अपाचे बाइक भी बरामद की गई है। पुलिस ने बताया की ये सभी जालसाज अब तक लगभग 500 से ज्यादा लोगों को अपनी ठगी से चूना लगा चुके हैं।
दरअसल मामले में भंडाफोड़ तब हुआ जब दिल्ली की एक अस्पताल में कार्यरत महिला डॉक्टर ने सेंट्रल डिस्ट्रिक्ट के साइबर पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत में महिला डॉक्टर ने बताया कि वह विवाह के सिलसिले में अंकुश नाम के शख्स के संपर्क में आई।
अंकुश ने खुद को डॉक्टर बताते हुए कहा कि वह यूके में रहता है। उसने महिला डॉक्टर के साथ शादी करने की अपनी इच्छा जताई और उनसे बात करने लगा। कुछ दिनों के बाद कथित अंकुश नाम के शख्स ने महिला डॉक्टर को फोन किया और कहा कि वह 22 फरवरी को भारत आ रहा है। उसने यूके से आने कते लिए मुंबई के लिए उड़ान की टिकट बुक की क्योंकि यूके से दिल्ली के लिए सीधी उड़ान का टिकट उपलब्ध नहीं थी।
महिला डॉक्टर ने बताया कि उनके पास 23 फरवरी को मीनाक्षी नाम की एक अंजान महिला का फोन आया। उसने बताया कि वह मुंबई हवाई अड्डे पर कस्टम डिपार्टमेंट में काम करती है।
मीनाक्षी ने फोन पर कहा कि कस्टम डिपार्टमेंट ने अंकुश को 15,000 पाउंड की अवैध करेंसी के साथ एयरपोर्ट पर पकड़ा है और अगर वह उसे छुड़ाना चाहती है तो उसे प्रोसेसिंग फीस के तौर पर 1,76,500 रुपये जमा कराने होंगे।
उसके बाद अंकुश ने भी महिला डॉक्टर को फोन करके इस बात की पुष्टि की। इसके बाद महिला डॉक्टर ने बताये गए खात में 1,76,500 रुपये ट्रांसफर कर दिये। लेकिन थोड़े समय के बाद मीनाक्षी नाम की महिला का दोबारा फोन आता है और उसने महिला डॉक्टर से कहा कि जीएसटी और कमीशन के तौर पर उसे और भी पैसे देने होंगे।
इस बात पर महिला डॉक्टर को शक हुई और उसने अपने दोस्तों से इस मामले में सलाह ली। तब दोस्तों ने भी संदेह जताया कि वो साइबर फ्रॉड हो सकते हैं। जिसके बाद महिला ने कथित तौर पर मुंबई से फोन कर रही मीनाक्षी के किसी कॉल का जवाब नहीं दिया।
महिला डॉक्टर ने मामले में सीधे साइबर पुलिस में अपनी शिकायत दर्ज कराई। इसके बाद पुलिस ने मामले की जांच शुरू की तो उन्हेोंने उस बैंक अकाउंट को खंगाला, जिसमें महिला डॉक्टर ने पैसे ट्रांसफर किये थे।
पुलिस ने देखा कि महिला डॉक्टर ने जिस बैंक अकाउंट में पैसे ट्रांसफर किये थे, उस बैंक खाते से बड़ी संख्या में लेन-देन किया जा रहा था। इसके अलावा, इन खाते में जमा पैसे को दूसरे बैंक खातों में भी ट्रांसफर किया जा रहा था और फौरन एटीएम के माध्यम से निकाल लिया जा रहा था।
जांच में पुलिस को यह बात भी पता चली कि फ्रॉड के पैसे घुमाने के लिए एक व्यक्ति के नाम पर कई बैंक खाते खोले गए थे। पुलिस ने सभी बैंक खातों की डिटेल्स निकाली और उस आधार पर 5 मार्च को बबलू सिंह यादव को गिरफ्तार किया।
पूछताछ के दौरान आरोपी बबलू सिंह यादव ने अपना जुर्म कबूल कर लिया और अपने सहयोगी कासिम के बारे में बताया, जिसे पुलिस ने गिरफ्तार किया। गिरफ्तार आरोपियों में बबलू सिंह यादव, कासिम खान, अफजल खान, विकास बंसल और दो नाइजीरियाई नागरिक मूसा और इफेनी वेलेंटाइन शामिल हैं।