लखनऊः लखनऊ की विशेष एमपी-एमएलए अदालत ने माफिया से नेता बने मुख्तार अंसारी के बेटे और मऊ से विधायक अब्बास अंसारी को हथियार लाइसेंस मामले में भगोड़ा घोषित किया। अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ए के श्रीवास्तव ने पुलिस रिपोर्ट पर गौर करने के बाद बुधवार को यह आदेश पारित किया।
अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए 26 सितंबर की तारीख निर्धारित की है। विगत 14 जुलाई को अदालत ने अब्बास अंसारी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने का आदेश दिया था। अदालत ने थानाध्यक्ष महानगर को निर्देश दिया था कि वह वारंट का निष्पादन सुनिश्चित कर अदालत को अवगत कराएं। विधायक को 27 जुलाई तक पेश करने का निर्देश दिया था। पुलिस अब अब्बास के भगोड़ा घोषित करने का नोटिस चस्पा कर उसके खिलाफ कुर्की की तैयारी में लग गई है।
अदालत में सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में पुलिस ने कहा कि उन्होंने सभी संभावित स्थानों पर छापेमारी की लेकिन अब्बास का पता नहीं चल सका। उन्होंने यह भी कहा कि अब्बास अदालत में पेश नहीं हो रहे हैं और इस वजह से उनके खिलाफ जारी गैर जमानती वारंट पर अमल नहीं कर पा रहे हैं।
भाषा इनपुट के साथ
पुलिस ने अब्बास के खिलाफ 12 अक्टूबर 2019 को प्राथमिकी दर्ज की थी। तत्कालीन महानगर थाना प्रभारी अशोक सिंह ने 12 अक्टूबर 2019 को अब्बास के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई थी। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि अब्बास ने लखनऊ से बंदूक का लाइसेंस प्राप्त किया और बाद में उसने इसे दिल्ली स्थानांतरित कर दिया जहां उसने बदले हुए पते पर कई हथियार खरीदे। और दावा किया कि वह एक प्रसिद्ध शूटर था। पुलिस ने उसके खिलाफ 24 दिसंबर, 2020 को चार्जशीट दाखिल की थी।