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'अगर महिला ने उत्तेजक कपड़े पहने हों तो प्रथम दृष्टया यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता', लेखक सिविक चंद्रन को जमानत देते हुए अदालत की टिप्पणी

By शिवेंद्र राय | Updated: August 17, 2022 17:35 IST

लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को यौन शोषण के एक मामले में जमानत मिल गई। जमानत देते हुए केरल के कोझीकोड की एक अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता ने खुद ऐसे कपड़े पहन रखे हैं जो कुछ यौन उत्तेजक हैं। इसलिए, प्रथम दृष्टया धारा 354ए आरोपी के खिलाफ प्रभावी नहीं होगी।

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ठळक मुद्देसिविक चंद्रन को यौन शोषण के मामले में मिली जमानतअदालत ने कहा, शिकायतकर्ता ने उत्तेजक कपड़े थे इसलिए मामला नहीं बनताआरोपी के वकील ने पेश की थी शिकायतकर्ता की तस्वीरें

कोझीकोड: केरल के कोझीकोड में एक अदालत ने लेखक और सामाजिक कार्यकर्ता सिविक चंद्रन को यौन शोषण के मामले में जमानत दे दी है। सिविक चंद्रन को जमानत देते हुए कोझीकोड की अदालत ने जो टिप्पणी की है उस पर बहस छिड़ गई है। जिला सत्र अदालत ने इस मामले की सुनवाई की और सिविक चंद्रन ने कहा कि लड़की ने उत्तेजक कपड़े पहने थे इसलिए पहली नजर में यौन उत्पीड़न का मामला नहीं बनता।

अपनी टिप्पणी में अदालत ने कहा, "आरोपी द्वारा जमानत अर्जी के साथ पेश की गई तस्वीरों से पता चलता है कि शिकायतकर्ता खुद ऐसे कपड़े पहन रही हैं, जो यौन उत्तेजक हैं। इसलिए आरोपी के खिलाफ IPC की धारा 354A (यौन शोषण) लागू नहीं होगी।"

यौन शोषण के आरोपी सिविक चंद्रन की उम्र 74 साल है। अदालत ने चंद्रन की उम्र को भी आधार बनाते हुए जमानत देने की बात कही। आरोपी सिविक चंद्रन ने अदालत में दायर जमानत की याचिका के साथ के आरोप लगाने वाली महिला की तस्वीरें भी पेश की थीं। इन्हीं तस्वीरों को देखकर अदालत ने अपनी टिप्पणी की थी।

अदालत ने सिविक चंद्रन को जमानत देते हुए कहा कि 74 साल का आदमी किसी महिला के साथ शारीरिक रूप से जबरदस्ती नहीं कर सकता, उसे जबरदस्ती गोद में नहीं बैठा सकता और न ही उसके स्तनों को दबा सकता है। अदालत ने कहा कि IPC की धारा 354 में स्पष्ट लिखा है कि आरोपी का इरादा महिला की गरिमा भंग करने का होना चाहिए।

बता दें कि सिविक चंद्रन के खिलाफ यौन शोषण का मामला  एक युवा लेखिका ने दर्ज कराया था। पीड़िता ने कहा था कि 2020 में सिविक चंद्रन में उसकी गरिमा भंग करने की कोशिश की। आरोपी सिविक के वकील ने अदालत में कहा कि उसके मुवक्किल के खिलाफ दर्ज कराया गया मामला झूठा है और कथित घटना के लगभग 6 महीने बाद मामला दर्ज किया गया है। आरोपी के वकील ने पीड़ित महिला के सोशल मीडिया अकाउंट से तस्वीरें दिखाते हुए कहा कि घटना के समय महिला अपने पुरुष मित्र के साथ थी।

टॅग्स :केरलरेपकोर्टसुप्रीम कोर्टमहिलायौन उत्पीड़न
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