मुजफ्फरपुर शेल्टर होम मामला: CBI ने आरोपी ब्रजेश ठाकुर के 20 बैंक खातों को किया सीज, 4 गिरफ्तार
By भारती द्विवेदी | Published: September 20, 2018 06:42 PM2018-09-20T18:42:15+5:302018-09-20T18:45:26+5:30
सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को पटना हाई कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की रिपोर्टिंग पर लगाई गई रोक को हटा दिया। रंगकर्मी और पत्रकार निवेदिता शकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के रद्द करते हुए मीडिया से मामले की ज्यादा जिम्मेदार तरीके से उठाने और रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।
नई दिल्ली, 20 सितंबर:बिहार के चर्चित मुजफ्फरपुर बालिका गृह रेप मामल में सीबीआई की टीम ने बड़ी कार्रवाई की है। सीबीआई की टीम ने बालिका गृह के संचालक और मामले के मुख्य आरोपी ब्रजेश ठाकुर के 20 बैंक अकाउंट को सीज कर दिया है। इसके साथ ही सीबीआई ने बालिका गृह मामले में पहले तीन लोगों को गिरफ्तार किया फिर समाज कल्याण विभाग के असिस्टेंट डायरेक्टर (जो शेल्टर होम के जांच के इंचार्ज हैं) को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
Central Bureau of Investigation has frozen 20 bank accounts of Brajesh Thakur, the accused in Muzaffarpur shelter home case: Sources
— ANI (@ANI) September 20, 2018
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट गुरुवार को पटना हाई कोर्ट द्वारा मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस की रिपोर्टिंग पर लगाई गई रोक को हटा दिया। रंगकर्मी और पत्रकार निवेदिता शकील की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश के रद्द करते हुए मीडिया से मामले की ज्यादा जिम्मेदार तरीके से उठाने और रिपोर्ट करने का निर्देश दिया।
मुजफ्फरपुर के बालिका शेल्टर होम में रहने वाली 42 में से 34 लड़कियों के मेडिकल रिपोर्ट में बलात्कार की पुष्टि के बाद पुलिस ने एफआईआर दर्ज की थी। बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने मामले की जाँच सीबीआई को सौंप दी। 23 अगस्त को पटना हाई कोर्ट ने मामले की रिपोर्टिंग पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि केस की रिपोर्टिंग से मामले की जाँच प्रभावित हो सकती है।
यह मामला मुंबई के टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज की सोशल ऑडिट रिपोर्ट के बाद सामने आया था। मामला सामने के बाद बिहारसामाजिक कल्याम विभाग ने एफआईआर दर्ज करायी थी। मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में ब्रजेश ठाकुर और उसके एनजीओ को मुख्य आरोपी बनाया गया है। मामले में जाँच की आँच नीतीश कैबिनेट में समाज कल्याण विभाग की मंत्री मंजू वर्मा तक पहुँची और उन्हें मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा।