किशोर द्विवेदी
बुलंदशहर (उत्तर प्रदेश): चिंगरावठी गांव में भीड़ की हिंसा में दो लोगों की जान जाने के बाद बुधवार को यहां तनाव छाया रहा । ग्रामीणों ने दावा किया कि कई लोग पुलिस कार्रवाई के डर से घर छोड़कर चले गये हैं और सरकारी स्कूलों में बच्चे पढ़ने नहीं आ रहे। गांव में और आसपास कड़ी सुरक्षा की गयी थी जो बुधवार को थोड़ी कम दिखाई दी।
चिंगरावठी पुलिस चौकी और गांव के आसपास आरएएफ, यूपी पीएसी और स्थानीय पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है। सोमवार को भीड़ की हिंसा का शिकार हुई पुलिस चौकी के पास में बनाये गये अस्थाई दफ्त्तर में पीएसी की एक छोटी टुकड़ी तैनात दिखी। आसपास के नयाबांस और महाव गांवों में पुलिस तैनात की गयी है।
चिंगरावठी के पास महाव गांव के बाहर जंगल में पशुओं के कंकाल मिलने के बाद हिंसा भड़क गयी थी जिसमें गोली लगने से 20 साल के सुमित कुमार की मौत हो गयी। हिंसा में पुलिस निरीक्षक सुबोध कुमार भी मारे गये।
बड़ी संख्या में चिंगरावठी के लोग मंगलवार को पुलिस कार्रवाई के डर का दावा करते हुए अपने घर छोड़कर चले गये हैं।
गांव प्रधान अजय कुमार ने पीटीआई को बताया, ‘‘हां, सुरक्षा कम की गयी है लेकिन गांव के लोग अब भी आतंकित हैं।’’
उन्होंने बताया, ‘‘मामले में अपना नाम खींचे जाने के डर से कई लोग गांव से चले गये हैं। प्राथमिकी में 50 से 60 अज्ञात लोगों के नाम हैं और यहां लोगों की चिंता की वजह यही है।’’
बुधवार को गांव के बाहर सरकारी प्राथमिक और निम्न माध्यमिक स्कूलों में कोई बच्चा पढ़ने नहीं आया।
शिक्षकों ने बताया कि बुलंदशहर-गढ़मुक्तेश्वर राजमार्ग पर हिंसास्थल के नजदीक स्थित स्कूल जिला मजिस्ट्रेट के संदेश के बाद मंगलवार को बंद रहे।
उन्होंने बताया कि हिंसा फैलने की खबर आने के बाद बच्चे जल्दबाजी में स्कूल से जाने लगे। कुछ ने अपना मध्याह्न भोजन छोड़ दिया तो कुछ ने स्कूल-बैग तक छोड़ दिये।