1300 अपराधियों की संपत्ति की जाएगी जब्त, 10 के लिए आदेश जारी, बिहार में कुख्यात आरोपियों पर कानून का शिकंजा कसा
By एस पी सिन्हा | Updated: August 7, 2025 14:00 IST2025-08-07T14:00:15+5:302025-08-07T14:00:40+5:30
Bihar News: जिन अपराधियों की संपत्ति जब्ती के लिए ऑर्डर मिल ने उनके 3 अपराधियों को किशनगंज के, दो-दोजी और स्क्रैच जिले के, जबकि एक को पटना, जहानाबाद जिले के हैं।

1300 अपराधियों की संपत्ति की जाएगी जब्त, 10 के लिए आदेश जारी, बिहार में कुख्यात आरोपियों पर कानून का शिकंजा कसा
Bihar News: बिहार में अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उनकी अवैध संपत्ति जब्ती की प्रक्रिया पुलिस ने तेज कर दी है। इस कड़ी में बिहार पुलिस ने सभी जिलों से ऐसे 1300 अपराधियों को चिह्नित कर सूची तैयार की है। इनमें सबसे अधिक 82 प्रस्ताव पटना पुलिस की तरफ से भेजा गया है। इस सूची में से 279 अपराधियों का प्रस्ताव कोर्ट को भेजा गया है। इसमें से 10 बड़े अपराधियों की संपत्ति जब्त करने का आदेश कोर्ट से मिल भी चुका है।
इन आदेशों के बाद बदमाशों की नींद उड़ चुकी है, कई माफिया अभी से अपने घर-दुकान बेचकर नाम बदलने की फिराक में हैं। सबसे पहले कार्रवाई किशनगंज, गया और मुजफ्फरपुर में!किशनगंज जिले के तीन बड़े नाम रहीमुद्दीन उर्फ हैबर (ठाकुरगंज),चांद हुसैन उर्फ चांद (विशनपुर),और मो. कुर्बान (सदर थाना) की करोड़ों की संपत्ति कोर्ट के आदेश पर जब्त की जा रही है।
गया और मुजफ्फरपुर से दो-दो कुख्यातों के खिलाफ भी यही कार्रवाई शुरू हो चुकी है। वहीं नवादा जिले के कुख्यात बालू माफिया अजय कुमार उर्फ दीपम उर्फ दीपक की संपत्ति पर भी कुर्की की कार्रवाई तेज़ हो गई है। बिहार पुलिस मुख्यालय के मुताबिक 1234 थाना क्षेत्रों से अपराधियों की सूची तैयार की गई है।
इनमें सबसे ज़्यादा प्रस्ताव पटना से (82) आए हैं। उसके बाद गया (55), रोहतास (49), मोतिहारी (48), मुजफ्फरपुर व भागलपुर (43-43), मधुबनी (42), नालंदा (41) जैसे जिले टॉप सूची में हैं। दरभंगा, समस्तीपुर, सारण, वैशाली, पूर्णिया, सीवान और बक्सर जैसे जिलों से भी दर्जनों कुख्यात अपराधियों की संपत्ति जब्ती के प्रस्ताव मिल चुके हैं। एडीजी (मुख्यालय) कुंदन कृष्णन ने साफ शब्दों में कहा कि अपराध की आय से संपत्ति अर्जित करने वाले अपराधियों की लिस्ट तैयार है।
कोर्ट से 6 मामलों में पहले ही आदेश मिल चुका है, और ये सिलसिला अब नहीं रुकेगा। बिहार पुलिस अब सिर्फ गिरफ्तारी या एनकाउंटर तक सीमित नहीं रहना चाहती। अब आर्थिक नस दबाई जा रही है, ताकि बदमाशों को लगे कि जुर्म की ज़िंदगी ‘लाल बत्ती नहीं, जेल और जब्ती’ की ओर ले जाती है।
कई अपराधी फरार हैं, तो कुछ अब वकीलों से लगातार जमानत और रोक के प्रयास कर रहे हैं। सत्ता के करीबी समझे जाने वाले कई माफिया भी अब निशाने पर हैं, जो पहले राजनीतिक संरक्षण की आड़ में बचे रहते थे।