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मनिहारी की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के 4 ठिकानों पर छापेमारी, 80 लाख रुपए की संपत्ति, नकदी, जमीन दस्तावेज, सोना-चांदी और महंगे सामान बरामद

By एस पी सिन्हा | Updated: June 5, 2025 16:59 IST

श्वेता मिश्रा पर गैर कानूनी और नाजायज तरीके से 80 लाख रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। एसयूवी ने अपने थाने में श्वेता मिश्रा के खिलाफ अनुपातहीन आय का मामला दर्ज किया है।

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ठळक मुद्देकटिहार के मनिहारी अनुमंडल में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। श्वेता मिश्रा पर रिश्वत मांगने और कार्य में अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए गए थे।रिश्वत मांगना और बिना जानकारी दिए अपील के मामलों की सुनवाई करके उन्हें रद्द करना।

पटनाः बिहार में आय से अधिक संपत्ति के मामले में स्पेशल विजिलेंस यूनिट (एसयूवी) ने बड़ी कार्रवाई करते हुए कटिहार जिले के मनिहारी की लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी श्वेता मिश्रा के चार ठिकानों पर एक साथ छापेमारी की है। इस दौरान अकूत संपत्ति होने का खुलासा हुआ है। एसवीयू की टीम ने मनिहारी के अलावे पटना, कटिहार और प्रयागराज में छापेमारी की है। श्वेता मिश्रा को आरा सदर की भूमि सुधार उपसमाहर्ता के पद से हटाकर कटिहार के मनिहारी अनुमंडल में लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी नियुक्त किया गया था। प्राप्त जानकारी के अनुसार श्वेता मिश्रा पर गैर कानूनी और नाजायज तरीके से 80 लाख रुपए से अधिक की संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। एसयूवी ने अपने थाने में श्वेता मिश्रा के खिलाफ अनुपातहीन आय का मामला दर्ज किया है।

आरा सदर की भूमि सुधार उप समाहर्ता के पद पर रहने के दौरान श्वेता मिश्रा पर रिश्वत मांगने और कार्य में अनियमितता के गंभीर आरोप लगाए गए थे। श्वेता मिश्रा पर पहले भी कई गंभीर आरोप लग चुके हैं, जैसे दाखिल-खारिज के आवेदन पास करने के लिए रिश्वत मांगना और बिना जानकारी दिए अपील के मामलों की सुनवाई करके उन्हें रद्द करना।

एसयूवी की प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि श्वेता मिश्रा ने करीब 80 लाख रुपये से अधिक की संपत्ति गैरकानूनी तरीके से अर्जित की है। जो उनके ज्ञात स्रोतों से कई गुना अधिक है। विजिलेंस अधिकारियों के अनुसार, जांच में नकदी, जमीन के दस्तावेज, बैंक खातों में भारी ट्रांजेक्शन, सोना-चांदी और महंगे सामान बरामद हुए हैं।

इन सभी सामग्रियों को जब्त कर विस्तृत जांच शुरू कर दी गई है। दस्तावेजों की जांच के बाद संपत्ति का मूल्य और बढ़ सकता है। उन पर यह भी आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर गलत स्थान पर कागजात भेजे थे, जैसे कि निम्न न्यायालय के अभिलेख आदेश की छाया प्रति अंचल अधिकारी आरा सदर के बजाय अंचल अधिकारी उदवंत नगर को भेजना।

राजस्व विभाग के बयान में कहा गया था कि श्वेता मिश्रा पर बाहरी लोगों से गलत तरीके से काम कराने का भी आरोप है। भोजपुर के जिलाधिकारी ने उनके ऑफिस पर छापा मारा था, जहां एक बाहरी व्यक्ति काम करते हुए पाया गया था और उसे गिरफ्तार कर लिया गया था।

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