4 साल शादी के बाद पति ने किन्नर पत्नी को साथ रखने से किया इंकार
By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Published: August 29, 2018 07:46 PM2018-08-29T19:46:59+5:302018-08-29T19:46:59+5:30
किन्नर महिला थाना के साथ-साथ दहिभत्ता पंचायत के ग्राम कचहरी में भी शिकायत की है। बताया जाता है कि दहीभत्ता गांव के साहेब हुसैन मियां का पुत्र सरफराज हुसैन उर्फ गोलू अपने मौसी के लड़के के शादी समारोह में डांस प्रोग्राम के लिए सीवान जिले के बडहरिया थाने से आर्केष्ट्रा मंगवाया था।
पटना, 29 अगस्त: बिहार में गोपालगंज के उचकागांव प्रखंड के दहीभत्ता गांव में किन्नर से पहले प्यार फिर शादी और 4 साल बाद साथ रहने से इन्कार करने का एक मामला प्रकाश में आया है। गांव का एक युवक सीवान जिले के बडहरिया थाना क्षेत्र के बडहरिया गांव में रहने वाली एक किन्नर से पहले प्यार मोहब्बत किया। बाद में शादी कर ली और अब उसे रखने से इन्कार कर रहा है।
किन्नर महिला थाना के साथ-साथ दहिभत्ता पंचायत के ग्राम कचहरी में भी शिकायत की है। बताया जाता है कि दहीभत्ता गांव के साहेब हुसैन मियां का पुत्र सरफराज हुसैन उर्फ गोलू अपने मौसी के लड़के के शादी समारोह में डांस प्रोग्राम के लिए सीवान जिले के बडहरिया थाने से आर्केष्ट्रा मंगवाया था। जिसमें गुड़िया किन्नर भी आई थी।
प्रोग्राम खत्म होने के बाद जाते समय गोलू ने गुडिया किन्नर का मोबाइल नंबर ले लिया और बातचीत का सिलसिला शुरू हो गया। इसी बीच 2014 से गोलू और गुडिया के बीच प्यार मोहब्बत का खेल शुरू हो गया और यह प्यार मोहब्बत इतना परवान चढा कि दोनों ने एक दूजे का होने का फैसला किया और शादी रचा ली।
जिसके बाद गुडिया दहीभत्ता गांव में आकर साहब हुसैन के बहू के रूप में रहने लगी। बाद में गोलू और गुडिया फिर बडहरिया चले गये। शादी के 4 साल बीतने पर गोलू गुड़िया को रखने से इन्कार कर रहा है। इसके बाद गुडिया किन्नर ने महिला थाना में शिकायत की।
बताया जाता है कि इसकेबाद मामला दहिभता पंचायत के सरपंच राज नारायण सिंह के न्यायालय में पहुंच गया। आज सरपंच ने दोनों पक्षों को एक साथ बैठाकर हल निकालने का प्रयास किया। इसमें सरफराज उर्फ गोलू ने गुडिया किन्नर के साथ रहने से साफ इनकार कर दिया। गोलू की बात सुनते ही गुडिया फफक कर रो पड़ी।
बाद में समझाने बुझाने के बाद वह शांत हुई और 2 दिन का समय लेकर चली गई। सरपंच ने कहा कि अगले सुनवाई की तिथि को समझौता के आधार पर फैसला कराने का प्रयास किया जायेगा। अगर बात नहीं बनती है तो ग्राम कचहरी उचित निर्णय लेगी।