Bareilly Double Murder Case: प्रेमी जोड़े की हत्या मामले में लड़की के पिता-चाचा को उम्रकैद, मां को 7 साल की सजा
By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: December 13, 2025 12:18 IST2025-12-13T12:18:17+5:302025-12-13T12:18:21+5:30
Bareilly Double Murder Case: 24 मार्च 2015 को रात्रि में उनका पुत्र वीरपाल के किरायेदार सोनू के यहां दावत में गया था जहां से वीरपाल ने अपने भाई राजेन्द्र व पत्नी कमला देवी के साथ मिलकर उसके पुत्र का अपहरण कर लिया था।

Bareilly Double Murder Case: प्रेमी जोड़े की हत्या मामले में लड़की के पिता-चाचा को उम्रकैद, मां को 7 साल की सजा
Bareilly Double Murder Case: बरेली जिले की एक अदालत ने एक किशोरी और उसके नाबालिग प्रेमी का कथित झूठी शान की खातिर दस साल पहले अपहरण करके हत्या करने के लिए लड़की के पिता, चाचा और मां को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई और तीनों पर जुर्माना भी लगाया। एक अधिवक्ता ने बताया कि अदालत ने लड़की के पिता और चाचा को आजीवन कारावास और 55-55 हजार रुपये का अर्थदंड लगाया तथा मां को सात वर्ष की कैद और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई।
अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (एडीजीसी) हेमेन्द्र गंगवार ने बताया कि अतिरिक्त जिला एवं सत्र न्यायाधीश एडीजे-तृतीय अभय श्रीवास्तव की अदालत ने शुक्रवार को किशोरी के दोषी पिता वीरपाल, चाचा राजेंद्र निवासी लोधी नगर, थाना फतेहगंज को आजीवन कारावास की सजा और 55-55 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। उन्होंने बताया कि अर्थ दण्ड जमा नहीं करने पर दोनों को एक-एक वर्ष की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। उन्होंने बताया कि वहीं किशोरी की मां कमला देवी को सात साल की सजा सुनाई गई है।
उन्होंने बताया कि कमला देवी पर पांच हजार रुपये का जुर्माना लगाया है और अर्थदंड नहीं देने पर कमला देवी को एक माह की अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी। एडीजीसी गंगवार ने बताया कि फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र के लोधी नगर निवासी कान्ताप्रसाद ने तहरीर देकर आरोप लगाया था कि उनके पुत्र दीपक मौर्य (15) का उनके ही पड़ोस के वीरपाल की पुत्री के साथ प्रेम प्रसंग था। उन्होंने शिकायत में कहा था कि इस कारण वीरपाल उससे दुश्मनी मानता था और 24 मार्च 2015 को रात्रि में उनका पुत्र वीरपाल के किरायेदार सोनू के यहां दावत में गया था जहां से वीरपाल ने अपने भाई राजेन्द्र व पत्नी कमला देवी के साथ मिलकर उसके पुत्र का अपहरण कर लिया था।
गंगवार ने बताया कि कान्ताप्रसाद ने पुलिस को जानकारी दी थी कि वीरपाल ने दीपक और अपनी पुत्री जावित्री की हत्या कर दी व शव जंगल में छुपा दिये। गंगवार ने बताया कि कान्ताप्रसाद ने पुलिस को जानकारी दी थी कि इस सम्बन्ध में थाना-फतेहगंज पश्चिमी पुलिस ने हत्या और आहरण की धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर विवेचना पूरी करने के बाद अदालत में आरोप पत्र दाखिल किया। उन्होंने बताया कि अदालत ने करीब दस वर्ष बाद मामले में सजा सुनाई।