असम के गोलपाड़ा इलाके से सोमवार (25 नवंबर) को तीन आतंकियों को गिरफ्तार किया गया था। इन आतंकियों को असम और दिल्ली में आतंकी हमले की साजिश करने के लिए गिरफ्तार किया गया था। इसमें से एक 24 साल के आतंकी का नाम लुइत जमील जमान है। पूछताछ के दौरान लुइत जमील जमान ने एक चौंकाने वाला खुलासा किया। उसने बताया कि वह अपनी हिंदू प्रेमिका से रिश्ता टूट जाने के बाद बदला लेने के लिए आतंकी बन गया। गिरफ्तार तीनों आतंकी इस्लामिक स्टेट से संबंध रखते हैं।
टाइम्स ऑफ इंडिया में छपी रिपोर्ट के मुताबिक, लुइत जमील जमान ने बताया कि वह एक हिंदू लड़की से प्यार करता था। लेकिन घरवालों की वजह से ये रिश्ता टूट गया। जिसके बाद वह बदला लेने की भावना से आतंकी संगठन में शामिल हो गया।
दिल्ली की स्पेशल सेल की टीम असम में इन आतंकियों को गिरफ्तार करने गई थी। उन्हें इस बात की गुप्त सूचना मिली थी वहां के एक शहर में कुछ आतंकी हमला करने की साजिश रच रहे हैं। लुइस, मुकादिर और रणजीत को तब गिरफ्तार किया गया जब तीनों रास मेला स्थल पर हमला करने की मंशा से हथियारों के साथ जा रहे थे। असम पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि रात में कार्यक्रम स्थल पर एक संगीत कार्यक्रम के दौरान उनमें विस्फोट का प्लानिंग था।
आतंकी का खुलासा- परिवार वालों ने दी धमकी, लड़की के आसपास भी मत दिखना
लुइत जमील जमान ने दावा किया है कि वह एक अच्छा इंसान था और हिंदू लड़की से बेहद प्यार करता था। लुइत आधार सेंटर में काम करता था। लुईत ने बताया कि उसने हिंदू लड़की को एक बार उसके घर के बाहर देखा था तब से उसको चाहने लगा था। उसने अपने एक कॉमन फ्रेंड के जरिए लड़की को प्रपोज करने की भी कोशिश की थी। ये बात इस साल के वेलेंटाइन डे से एक सप्ताह पहले की है। आतंकी ने दावा किया, लेकिन धीरे-धीरे ये बाद पड़ोसियों को पता चल गई और बात सोशल मीडिया तक पहुंच गई। सोशल मीडिया से पता चला कि स्थानीय लोग मुझे सजा देने के लिए सामुदायिक बैठक बुलाने वाले हैं। इसके बाद लड़की पर बहुत दबाव बनाया गया कि वह मुझसे बिल्कुल बात ना करे और मुझे भी धमकी दी कि मैं लड़की के आसपास भी दिखाई न दूं।
आतंकी ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस को भी इस घटना के बारे में पता था कि सोशल मीडिया के जरिए मुझे धमकी दी जा रही है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।
व्हाट्सऐप और टेलिग्राम के जरिए जुड़ा आतंकी संगठन से
रिपोर्ट के मुताबिक लुइत जमील जमान व्हाट्सऐप और टेलिग्राम के जरिए आतंकी संगठन से जुड़ा था। अधिकारियों के मुताबिक, व्हाट्सऐप और टेलिग्राम ग्रुप इंटरनेट की मदद से खुद आईईडी जैसे विस्फोटक बनाना सीखते थे और कथित तौर पर आतंकी हमलों की साजिश रचते थे। इन्ही व्हाट्सऐप और टेलिग्राम ग्रुप से दिल्ली की स्पेशल सेल पुलिस को इस बारे में पता चला था।