पूर्व भारतीय हरफनमौला युवराज सिंह ने एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली राष्ट्रीय चयन समिति पर निशाना साधते हुए कहा कि टीम को निश्चित तौर पर बेहतर चयनसमिति की जरूरत है क्योंकि ‘आधुनिक क्रिकेट को लेकर’ मौजूदा समिति की सोच का जो स्तर होना चाहिए वैसा नहीं है।
युवराज ने यहां कहा, ‘‘हमें निश्चित तौर पर बेहतर चयनकर्ताओं की जरूरत है। चयनकर्ताओं का काम आसान नहीं होता है। जब भी वे 15 खिलाड़ियों का चयन करेंगे तब ऐसी बातें होंगी कि उन 15 खिलाड़ियों का क्या होगा जो टीम में जगह बनाने में नाकाम रहे। यह मुश्किल काम है लेकिन मेरी समझ में आधुनिक क्रिकेट को लेकर उनकी सोच उस स्तर तक नहीं है जैसी होनी चाहिए थी।’’
पूर्व हरफनमौला खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मैं हमेशा से खिलाड़ियों के हितों की रक्षा का समर्थन करता हूं और उनके बारे में सकारात्मक सोचता हूं। आप किसी खिलाड़ी या टीम के बारे में नकारात्मक सोच कर सही नहीं करेंगे। आपके असली चरित्र के बारे में तभी पता चलता है जब खिलाड़ी का समय साथ नहीं देता है और आप उसे प्रेरित करते हैं। बुरे समय में, हर कोई बुरी बात करता है। हमें निश्चित रूप से बेहतर चयनकर्ताओं की जरूरत है।’’
यह पहली बार नहीं है कि युवराज ने चयन समिति की आलोचना की है। इस वामहस्त बल्लेबाज ने पहले दावा किया था कि यो-यो टेस्ट को पास करने के लिए कहने के बाद चयनकर्ताओं ने उन्हें नहीं चुना था। युवराज ने विदेशी लीगों में खेलने के लिए जून में संन्यास की घोषणा की थी। वह आगामी अबूधाबी टी10 लीग में हिस्सा लेंगे, जिसका 15 नवंबर से सोनी सिक्स और सोनी टेन 3 पर प्रसारण होगा।
बाहर होने के डर से विश्राम से बचते हैं भारतीय खिलाड़ी: पूर्व भारतीय बल्लेबाज युवराज सिंह ने सोमवार को दावा किया कि देश के कई क्रिकेटर अपना स्थान गंवाने के डर से थके होने के बावजूद विश्राम नहीं लेते और उम्मीद जतायी कि सौरव गांगुली के बीसीसीआई अध्यक्ष बनने के बाद इसमें बदलाव आएगा।
निजी लीग में खेलने के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले युवराज ने खिलाड़ियों के संघ का भी समर्थन किया। उच्चतम न्यायालय से नियुक्त लोढ़ा समिति की सिफारिशों के अनुसार खिलाड़ियों का संघ ‘इंडियन क्रिकेटर्स एसोसिएशन’ पहले ही गठित कर दी गयी है।
युवराज ने यहां पत्रकारों से कहा, ‘‘हम इसके हकदार हैं क्योंकि कई बार हमें क्रिकेट खेलने के लिये कहा जाता है जबकि हम ऐसा नहीं चाहते। हमें इस दबाव में खेलना होता है कि अगर हम नहीं खेलते हैं तो हमें बाहर कर दिया जाएगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘खिलाड़ियों पर से यह दबाव खत्म होना चाहिए कि अगर वे थके हुए हैं या चोटिल हैं उन्हें तब भी खेलना होगा। ’’ युवराज ने आस्ट्रेलिया के ग्लेन मैक्सवेल का उदाहरण दिया जिन्होंने मानसिक स्वास्थ्य से संबंधित मसले के लिये अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से विश्राम लिया और बोर्ड ने उनका समर्थन किया।
उन्होंने कहा, ‘‘हमारे खिलाड़ी ऐसा नहीं कर सकते क्योंकि उन्हें अपनी जगह गंवाने का डर रहता है। इसलिए खिलाड़ियों का संघ बेहद महत्वपूर्ण है। ’’ युवराज ने कहा कि गांगुली के अध्यक्ष बनने के बाद बीसीसीआई में आमूलचूल परिवर्तन होने की संभावना है और अब खिलाड़ियों की भी सुनी जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘‘सौरव के अध्यक्ष बनने के बाद भारतीय क्रिकेट में कई नई चीजें होंगे। प्रशासकों की नजर में क्रिकेट और क्रिकेटरों की नजर में क्रिकेट में दोनों में काफी अंतर है। एक बेहद सफल कप्तान क्रिकेटरों के हितों को ध्यान में रखेगा जहां खिलाड़ियों की बातें भी सुनी जा सकती है। ऐसा पहले नहीं हुआ। अब वह क्रिकेटरों की बात भी सुनेंगे कि वे क्या चाहते हैं।’’