बेंगलुरुः भारत के स्टार बल्लेबाज विराट कोहली ने 15 साल बाद विजय हजारे ट्रॉफी खेलते हुए शानदार शतक लगाया जिसकी मदद से दिल्ली ने ग्रुप डी के पहले मैच में बुधवार को आंध्र को चार विकेट से हराया। कोहली ने 101 गेंद में 131 रन बनाये जबकि नीतिश राणा ने उनका बखूबी साथ निभाते हुए 55 गेंद में 77 रन जोड़े । प्रियांश आर्य ने 44 गेंद में 74 रन का योगदान दिया। दिल्ली ने 299 रन का लक्ष्य 37 . 4 ओवर में हासिल कर लिया। इससे पहले रिकी भुई ने 105 गेंद में 122 रन बनाये जिसके दम पर आंध्र ने आठ विकेट पर 298 रन बनाये ।
दिल्ली की जीत में तेज गेंदबाज सिमरजीत सिंह का भी योगदान रहा जिन्होंने 54 रन देकर पांच विकेट लिये । कोहली ने कई चिर परिचित दर्शनीय स्ट्रोक्स लगाते हुए पहले पचास रन 39 गेंद में पूरे किये और 83 गेंद में शतक लगाया । यह लिस्ट ए क्रिकेट में उनका 58वां शतक था और इसके साथ ही 330 पारियों में 16000 रन पूरे करके वह इस मुकाम तक सबसे तेजी से पहुंचने वाले बल्लेबाज बने ।
सचिन तेंदुलकर ने 391 पारियों में 16000 रन बनाये थे । कोहली की पारी हालांकि बेदाग नहीं रही । उन्हें तेज गेंदबाज सत्यनारायण राजू की गेंद पर सौरभ कुमार ने जीवनदान दिया जब वह 32 रन पर खेल रहे थे । इसके बाद नरसिम्हा राजू की गेंद पर शेख राशिद ने उनका कैच छोड़ा जब उनका स्कोर 97 रन था ।
इसके बावजूद उनकी पारी दर्शनीय रही और उन्होंने 50 ओवरों के क्रिकेट में शानदार फॉर्म का प्रदर्शन किया । इससे न्यूजीलैंड के खिलाफ अगले महीने होने वाली तीन मैचों की वनडे श्रृंखला और 2027 वनडे विश्व कप के लिये उनका दावा पुख्ता होगा । कोहली ने आर्य के साथ दूसरे विकेट के लिये 113 और राणा के साथ तीसरे विकेट के लिये 160 रन जोड़े ।
कोहली के आउट होने के बाद दिल्ली ने कप्तान ऋषभ पंत समेत कुछ विकेट जल्दी गंवा दिये । लेकिन कोहली जीत का मार्ग प्रशस्त करके ही लौटे थे । इससे पहले घरेलू सर्किट पर शानदार प्रदर्शन करने वाले भुई के चौथे लिस्ट ए शतक की मदद से आंध्र ने अच्छा स्कोर बनाया । भुई को 84 के स्कोर पर स्पिनर हर्ष त्यागी की गेंद पर राणा ने जीवनदान दिया । उन्होंने रशीद के साथ तीसरे विकेट के लिये 92 रन जोड़े ।
कोहली ने बुधवार को यहां विजय हजारे ट्रॉफी में 15 साल बाद वापसी करते हुए 58वां लिस्ट ए शतक जड़ा जो खाली मैदान पर शांत माहौल में एक भव्य ओपेरा जैसा था। विजय हजारे ट्रॉफी में आंध्र के खिलाफ दिल्ली के लिए कोहली की 83 गेंद की पारी हमेशा की तरह शानदार थी, लेकिन बीसीसीआई के ‘सेंटर ऑफ एक्सीलेंस’ में इस मौके पर शोर मचाने वाले दर्शक मौजूद नहीं थे।
कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में मैच आयोजित करने की अनुमति देने में हिचकिचाहट की वजह से केएससीए को मैच सेंटर ऑफ एक्सीलेंस में कराने के लिए मजबूर होना पड़ा और यह दर्शकों के लिए बंद था। इसलिए शोरगुल वाले स्टेडियम के बजाय धीमी गति से चलने वाले कार्गो ट्रकों का एक झुंड, बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और कुछ प्रशंसक कंटीली कंक्रीट की दीवारों के ऊपर से झांक रहे थे। कोहली के लिए खुद भी यह थोड़ा अजीब होगा।
पिछले डेढ़ दशक के में ज्यादातर समय 37 साल के इस खिलाड़ी ने हमेशा जोरदार स्वागत के बीच क्रिकेट मैदान पर कदम रखा है। यहां तक कि इस साल की शुरुआत में 12 साल के ब्रेक के बाद फिरोजशाह कोटला में रणजी ट्रॉफी में उनकी वापसी पर भी भारी भीड़ उमड़ी थी। लेकिन बुधवार को कोहली मैदान पर बिना किसी जयकार या ‘कोहली-कोहली’ के नारों के उतरे।
वह भले ही किसी भी प्रारूप में खेलें, रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के नारे हमेशा स्टेडियम में गूंजते रहते हैं। लेकिन सन्नाटा तब टूटा जब क्षेत्ररक्षण करने वाली टीम के खिलाड़ी आपस में बात कर रहे थे या जब कभी-कभी संबंधित ड्रेसिंग रूम से तालियां बजती थीं। लेकिन पूरे नजारे का अपना ही आकर्षण था।
हमेशा प्रशंसकों से घिरा एक चैंपियन क्रिकेटर अब यह सब शांत माहौल में कर रहा था। वह टीम के साथियों के साथ संक्षिप्त बातचीत और हाई-फाइव कर रहे थे। उन्होंने रिकी भुई की बाउंड्री रोकने के लिए एक डाइव लगाई और जब आंध्र के बल्लेबाजों ने दिल्ली के तेज गेंदबाज नवदीप सैनी की धुनाई की तो उन्हें सलाह भी दी।
कोहली ने कुछ काल्पनिक धुन पर डांस भी किया। शायद अपने आस-पास उत्साह का माहौल बनाने की कोशिश में क्योंकि उन्हें क्रिकेट मैदान पर ऐसा बहुत कुछ पसंद है। लेकिन इसका उनकी बल्लेबाजी पर कोई असर नहीं पड़ा। उनके कुछ कैच छूटे लेकिन इसे छोड़कर कोहली आसानी से अपने जाने-पहचाने अंदाज में आ गए।
उन्होंने कुछ शानदार शॉट्स लगाए जिसमें पुल शॉट, फ्लिक्स, कट्स और स्ट्रेट ड्राइव शामिल थे। उन्होंने 39 गेंद में 50 रन और 83 गेंद में 100 रन बना लिए। लेकिन उन्होंने ड्रेसिंग रूम की ओर एक हाथ हिलाकर साधारण तरीके से जश्न मनाया। लेकिन इसका एक दूसरा पहलू भी था।
शायद कोहली ने भी उस अकेलेपन का आनंद लिया होगा जिसकी उन्हें अक्सर चाहत रहती है। इसी निजता की तलाश ने उन्हें अपने मुंबई के बहुत ही शानदार घर के अलावा लंदन में एक और ठिकाना बनाने पर मजबूर किया है। यहां उन्हें वह मनचाहा एकांत मिला। लेकिन दिन हमेशा की तरह की अफरा-तफरी में खत्म हुआ।
आंध्र के क्रिकेटरों और अधिकारियों ने तस्वीरों और ऑटोग्राफ के लिए उन्हें घेर लिया। उन्होंने भी मुस्कुराते हुए यह सब किया। वहीं मैच के बाद आंध्र के खिलाड़ी और शतक जड़ने वाले रिकी भुई ने कहा, ‘‘कोहली के साथ मैच में खेलना एक सपना था। मैं हमेशा कोहली के साथ या उनके खिलाफ खेलना चाहता था और आंध्र के सभी क्रिकेटर इस मौके से बहुत खुश थे। ’’