हेड कोच के बाद अब बैटिंग कोच की दौड़ में शामिल हुए लालचंद राजपूत

एक बार फिर से टीम के मुख्य कोच चुने गये रवि शास्त्री ने मौजूदा सहयोगी सदस्यों को बरकरार रखने की ओर इशारा किया जिससे यह माना जा रहा कि गेंदबाजी कोच भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर का दावा काफी मजबूत रहेगा।

By भाषा | Published: August 19, 2019 8:24 PM

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भारतीय टीम के मुख्य कोच के पद के लिए नजरअंदाज किये गये लालचंद राजपूत अब बल्लेबाजी कोच बनने की दौड़ में शामिल हो गये हैं जिसके लिए उन्होंने सोमवार को अन्य दावेदारों के साथ साक्षात्कार दिया। एमएसके प्रसाद की अगुवाई वाली चयन समिति टीम के सहयोगी सदस्यों को चुनाव करेगी। बल्लेबाजी कोच के लिए 57 साल के राजपूत के दावेदारी पेश करने से मुकाबला दिलचस्प हो गया है।

पूर्व टेस्ट बल्लेबाज विक्रम राठौर को पहले से ही संजय बांगड़ की जगह लेने के लिए मजबूत दावेदार माना जा रहा था। एक बार फिर से टीम के मुख्य कोच चुने गये रवि शास्त्री ने मौजूदा सहयोगी सदस्यों को बरकरार रखने की ओर इशारा किया जिससे यह माना जा रहा कि गेंदबाजी कोच भरत अरुण और क्षेत्ररक्षण कोच आर श्रीधर का दावा काफी मजबूत रहेगा।

मौजूदा बल्लेबाजी कोच बांगड़ को हालांकि कड़ी चुनौती मिलेगी क्योंकि सबसे ज्यादा आवेदन इस पद के लिए आए हैं। बांगड़ 2014 से टीम से जुड़े हुए हैं जिनके बल्लेबाजी कोच रहते हुए भारतीय टीम ने 50 टेस्ट और 119 एकदिवसीय खेले हैं। सहयोगी सदस्यों के चयन की पूरी प्रक्रिया के हालांकि गुरुवार तक चलने की संभावना है। इस दौरान बल्लेबाजी, गेंदबाजी और क्षेत्ररक्षण कोच के साक्षात्कार लिये जाएंगे।

बीसीसीआई ने बांगड़, अरूण, श्रीधर और टीम के प्रशासनिक प्रबंधक सुनील सुब्रमण्यम का करार वेस्टइंडीज दौरे तक बढ़ा दिया था। बल्लेबाजी कोच के लिए प्रवीण आमरे, मुंबई के दिग्गज अमोल मजूमदार और सौराष्ट्र के सितांशु कोटक ने भी दावेदारी पेश की है।

यह पता चला है कि भारत के पूर्व बल्लेबाज ऋषिकेश कानिटकर और दिल्ली के पूर्व बल्लेबाज मिथुन मिन्हास भी पांच सदस्यीय पैनल के समक्ष साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए। साक्षात्कार देने वाले एक उम्मीदवार ने कहा कि यहां प्रस्तुती देना जरूरी नहीं था। गेंदबाजी कोच के लिए पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज वेंकटेश प्रसाद, पारस महाम्ब्रे और अमित भंडारी साक्षात्कार के लिए उपस्थित हुए। पिछले सप्ताह कपिल देव की अगुवाई वाली क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने 2021 विश्व कप तक के लिए रवि शास्त्री को फिर से भारतीय टीम का मुख्य कोच चुना था।

तीन सदस्यीय सीएसी में कपिल के अलावा पूर्व भारतीय कोच अंशुमन गायकवाड़ और पूर्व महिला कप्तान शांता रंगास्वामी शामिल थे। मुख्य कोच के चयन के बाद सीएसी ने कहा कि टीम के सहयोगी सदस्यों के चयन में भी इस समिति की भूमिका होनी चाहिए लेकिन बीसीसीआई का संविधान इसकी अनुमति नहीं देता है। मापदंड के अनुसार बल्लेबाजी, गेंदबाजी, और क्षेत्ररक्षण कोच के लिए दावेदारी करने वाले के पास कम से कम 10 टेस्ट या 25 एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच का अनुभव होना चाहिये और उसकी उम्र 60 साल से कम होनी चाहिए। सहयोगी सदस्यों का चयन का क्रम मंगलवार को भी जारी रहेगा।

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