नई दिल्लीः गौतम गंभीर और अजीत अगरकर फैसले लेने के मामले में एक जैसे हैं और उनके फैसलों में ‘ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट की संस्कृति’ की झलक दिखती है, जहां टीम से बड़ा कुछ भी नहीं है। न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ छह टेस्ट मैचों में हार के बाद इस भारतीय टीम के मुख्य कोच और मुख्य चयनकर्ता की इस जोड़ी ने रोहित शर्मा को भारत की एकदिवसीय कप्तानी से हटाकर इसका नमूना पेश किया। माना जा रहा है कि अगरकर और गंभीर ने यह फैसला भारतीय क्रिकेट के एक शक्तिशाली शख्स की सहमति के साथ लिया है। इस फैसले के तीन पहलू है।
पहला यह कि रोहित शर्मा और विराट कोहली 2027 विश्व कप की योजनाओं में शामिल नहीं हैं। दूसरा किसी खिलाड़ी के लिए केवल एक प्रारूप खेलकर फॉर्म या फिटनेस बनाए रखना संभव नहीं और सभी प्रारूपों में युवा कप्तान की जरूरत है। एक युवा और सभी प्रारूपों में खेलने वाला कप्तान भारतीय क्रिकेट को अगले दशक के लिए एक मजबूत नेतृत्व देने में मदद करेगा।
इसी वजह से शुभमन गिल को टी20 विश्व कप के बाद सूर्यकुमार यादव की जगह नेतृत्व सौंपे जाने की उम्मीद है। इन सभी बातों का निष्कर्ष यह निकलता है कि रोहित शर्मा का अंतरराष्ट्रीय करियर अब समाप्ति की ओर है। विराट कोहली फिटनेस के मामले में काफी बेहतर है इसलिए उनकी स्थिति थोड़ी अलग है।
चयन समिति को हालांकि लगता है वह भी 2027 तक खेलने की स्थिति में नहीं होंगे। अगरकर की प्रेस कॉन्फ्रेंस को देखे तो यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि रोहित शर्मा इस फैसले से खुश नहीं है। आगरकर हालांकि बातों को घुमा-फिराकर नहीं कहने के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘यह बातचीत रोहित और मेरे बीच की है, या फिर चयनकर्ताओं और रोहित के बीच की है।
लेकिन जैसा मैंने कहा, यह फैसला उनसे बातचीत के बाद ही लिया गया है।’’ उन्होंने यह भी कहा कि 2027 विश्व कप के बारे में अभी बात नहीं करना चाहते, लेकिन टीम की भलाई के लिए लंबे समय के फैसले लेने जरूरी हैं। अगरकर ने कहा, ‘‘कभी-कभी आपको आगे देखने की जरूरत होती है, टीम कहां खड़ी है और उसके हित में क्या है।
यह फैसला अभी ले या छह महीने बाद, इसे लेना होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘ कोहली और रोहित जैसे खिलाड़ी लंबे समय से खेल रहे हैं, लेकिन उनके लिए यह थोड़ा अजीब होगा कि अब उन्हें सिर्फ उसी प्रारूप में खेलना है, जो सबसे कम खेला जाता है।’’ इस पूर्व तेज गेंदबाज ने कहा, ‘‘यह बात वे ही बेहतर समझ सकते हैं और जब वे ऑस्ट्रेलिया में खेलेंगे, तब इसका अंदाजा भी लग जाएगा।’’
अगरकर ने कहा, ‘‘ उनके कौशल पर कोई शक नहीं है लेकिन कम क्रिकेट खेलने से फर्क पड़ता है या नहीं, यह सवाल उन्हीं से पूछा जाना चाहिए।’’ अगरकर ने शुभमन गिल के बारे में कहा कि उम्र कम होने की वजह से बर्नआउट (थकान का असर) की चिंता नहीं है। उन्होंने कहा, ‘‘उम्मीद है ऐसा नहीं होगा। वह अभी काफी युवा है।
उन्होंने इंग्लैंड में दबाव में जो प्रदर्शन किया, वह शानदार था। वनडे क्रिकेट में उसका रिकॉर्ड भी बेहतरीन है। हां, आने वाले महीनों में बहुत सारा क्रिकेट है, लेकिन हमें उम्मीद है कि वह इसे संभाल लेगा। ’’ रोहित और कोहली को वनडे क्रिकेट में खुद को प्रासंगिक बनाए रखने के लिए बल्ले से रन बनाने होंगे और अगर ऐसा नहीं हुआ तो दोनों का अंतरराष्ट्रीय करियर खत्म होने की ओर बढ़ जायेगा।f