कर्नाटक के बाएं हाथ के तेज गेंदबाज श्रीनाथ अरविंद ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट और लिस्ट-ए क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी है। अरविंद ने अपनी टीम के विजय हजारे ट्रॉफी की जीत के तुरंत बाद मंगलवार (27 फरवरी) अपने संन्यास का ऐलान कर दिया।
33 वर्षीय अरविंद ने कहा, 'मैंने घरेलू क्रिकेट के सभी फॉर्मेट्स से संन्यास लेने का निर्णय लिया है। मैं अपना करियर एक ऊंचाई के साथ खत्म करना चाहता था और ये विजय हजारे फाइनल में जीत से बेहतर नहीं हो सकता था।' कर्नाटक ने मंगलवार को विजय हजारे ट्रॉफी के फाइनल में सौराष्ट्र को 41 रन से हराते हुए विजय हजारे ट्रॉफी 2017-18 का खिताब अपने नाम कर लिया।
अरविंद ने अपने करियर में 56 प्रथम श्रेणी मैच खेले और 186 विकेट झटके। उन्होंने 84 टी20 मैचों में 103 विकेट झटके। अरविंद भारत के लिए एकमात्र टी20 2 अक्टूबर 2015 को खेले थे, जिसमें उन्होंने एक विकेट लिया था। अरविंद आईपीएल में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के लिए भी खेले।
अरविंद ने कहा कि टी प्रदीप और प्रसीध कृष्णा जैसे तेज गेंदबाजों के आने के साथ ही उन्हें लगा कि अब संन्यास लेने का वक्त आ गया है। अरविंद ने कहा, 'मैं किसी भी प्रतिभाशाली खिलाड़ी का रास्ता नहीं रोकना चाहता हूं। मुझे लगा कि यही समय है। मैंने अपने निर्णय के बारे में कल ही अपने साथियों को बता दिया था। मैं कर्नाटक क्रिकेट असोसिएशन को कर्नाटक क्रिकेट का प्रतिनिधत्व करने के लिए शुक्रिया अदा करना चाहता हूं, मैं अपने माता-पिता और ईश्वर का भी धन्यवाद कहना चाहता हूं।'
श्रीनाथ अरविंद ने आर विनय कुमार और अभिमन्यु मिथुन के साथ मिलकर कर्नाटक का पेस अटैक बेहद मारक बना दिया था। यही वजह है कि पिछले कुछ सालों के दौरान कर्नाटक की टीम घरेलू क्रिकेट की सबसे मजबूत टीमों में से एक बनकर उभरी है।
इस सीजन में कर्नाटक ने रणजी ट्रॉफी, ईरानी ट्रॉफी, विजय हजारे ट्रॉफी और सैयद मुश्ताक अली टी20 टूर्नामेंट समेत घरेलू क्रिकेट के हर खिताब पर कब्जा जमाया है। टीम के कप्तान करुण नायर ने अरविंद के संन्यास पर कहा, 'हम सबने उनसे खेलते रहना का निवेदन किया लेकिन वह युवाओं के रास्ते में नहीं आना चाहते हैं। हम उनके इस निर्णय का सम्मान करते हैं और ये ट्रॉफी उनके लिए ही जीतना चाहते थे।'