सिद्धू ने अमरिंदर को केन्द्र के तीन कृषि कानूनों का 'वास्तुकार' बताया, सिंह ने किया पलटवार

By भाषा | Updated: October 21, 2021 21:33 IST

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चंडीगढ़, 21 अक्टूबर पंजाब कांग्रेस के नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने बृहस्पतिवार को अमरिंदर सिंह को केंद्र के तीन कृषि कानूनों का ''वास्तुकार'' बताया जिसके बाद पूर्व मुख्यमंत्री ने पटलवार करते हुए पूर्व क्रिकेटर को एक ''धोखेबाज'' करार दिया।

सिद्धू की टिप्पणी सिंह के इस बयान के दो दिन बाद सामने आई कि जल्द ही वह अपना राजनीतिक दल बनाएंगे और उन्हें उम्मीद है कि यदि किसानों के हितों से संबंधित मुद्दे का हल निकाला जाता है, तो भाजपा के साथ सीट बंटवारे पर विचार किया जा सकता है।

पिछले महीने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले सिंह ने यह भी कहा था कि वह समान विचारधारा वाले दलों जैसे कि टूटे अकाली समूहों के साथ गठबंधन पर विचार कर रहे है।

किसानों के इन आरोपों कि तीन कृषि कानूनों पर अमल के बाद बड़े कारपोरेट घराने खेती की शर्तें तय करेंगे का संदर्भ देते हुए सिद्धू ने ट्वीट किया, ''तीन काले कानूनों के वास्तुकार...जो अंबानी को पंजाब की किसानी में लाए...जिन्होंने एक-दो बड़े कार्पोरेट के लाभ के लिए पंजाब के किसानों, छोटे विक्रेताओं और मजदूरों को बर्बाद किया।''

सिद्धू ने इस ट्वीट के साथ अमरिंदर सिंह का एक पुराना वीडियो भी साझा किया जिसमें उन्हें खेत से कांटा कार्यक्रम के तहत सब्जी की कुछ फसलों के बारे में बात करते सुना जा सकता है।

कुछ घंटे बाद सिद्धू के ट्वीट पर प्रतिक्रिया देते हुए पूर्व मुख्यमंत्री सिंह ने उनसे कहा, ''आप कितने धोखेबाज हो!''

सिंह के मीडिया सलाहाकर ने उनके हवाले से ट्वीट किया, ''आप मेरी 15 साल पुरानी फसल विविधीकरण पहल को कृषि कानूनों से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके खिलाफ मैं अभी भी लड़ रहा हूं । ''

सिंह की ओर से कहा गया, ''यह स्पष्ट है नवजोत सिंह सिद्धू आप पंजाब और उसके किसानों के हितों के बारे में अनजान हैं। आप स्पष्ट रूप से विविधीकरण और कृषि कानूनों के बीच अंतर नहीं जानते । और फिर भी आप पंजाब का नेतृत्व करने का सपना देखते हैं। अगर ऐसा कभी हुआ तो यह कितना भयानक होगा।''

अमरिंदर सिंह ने पिछले महीने सिद्धू के साथ सत्ता संघर्ष के बीच पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। उनकी जगह चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया गया था।

तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर पिछले साल 26 नवंबर से सैकड़ों किसान दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं। इनमें से अधिकतर पंजाब और हरियाणा से हैं।

Disclaimer: लोकमत हिन्दी ने इस ख़बर को संपादित नहीं किया है। यह ख़बर पीटीआई-भाषा की फीड से प्रकाशित की गयी है।

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