सचिन तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन पर वीरेंद्र सहवाग ने उलटा होकर किया बर्थडे विश, खुद बताई इसकी वजह

सचिन तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन पर आज वीरेंद्र सहवाग ने उन्हें बेहद अलग अंदाज में विश किया। उन्होंने शीर्षासन करते हुए सचिन तेंदुलकर को जन्मदिन की बधाई दी। साथ ही उन्होंने इसकी वजह भी बताई।

By विनीत कुमार | Published: April 24, 2023 11:54 AM2023-04-24T11:54:24+5:302023-04-24T11:57:21+5:30

Sachin Tendulkar's 50th birthday, Virender Sehwag wished the birthday in unique funny way, himself told the reason | सचिन तेंदुलकर के 50वें जन्मदिन पर वीरेंद्र सहवाग ने उलटा होकर किया बर्थडे विश, खुद बताई इसकी वजह

फनी अंदाग में सहवाग ने सचिन तेंदुलकर को दी जन्मदिन की बधाई (फाइल फोटो)

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नई दिल्ली: मास्टर ब्लास्टर और कई फैंस के दिन में बतौर 'क्रिकेट के भगवान' बस चुके सचिन तेंदुलकर आज अपना 50वां जन्मदिन मना रहे हैं। इस मौके पर फैंस सहित कई अन्य सेलिब्रिटी और क्रिकेट खिलाड़ी भी उन्हें विश कर रहे हैं। टीम इंडिया के विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भी सचिन तेंदुलकर को ट्वीट कर जन्मदिन की बधाई दी है। हालांकि, उन्होंने जिस अंदाज में तेंदुलकर को जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं, वह चर्चा में है। सहवाग ने शीर्षासन करते हुए सचिन तेंदुलकर को उनके 50वें जन्मदिन की शुभकामनाएं दी हैं।

सहवाग ने एक वीडियो ट्वीट करते हुए लिखा, 'मैदान पर जो आपने कहा, उसका उलटा ही किया तो आज आपके खास 50वें जन्मदिन पर तो आपको शीर्षासन करके विश करना ही था। आपको जन्मदिन की बहुत बधाई सचिन पाजी, आप जियो हजारों साल, साल के दिन हों एक करोड़।' 

गौरतलब है कि सहवाग और सचिन की सलामी जोड़ी एक समय बेहद हिट थी। भारतीय फैंस दोनों की जोड़ी खूब पसंद करते थे। एक तरह से जहां सहवाग आक्रामक रूख में गेंदबाजों पर प्रहार करते थे, वहीं दूसरे छोर से सचिन भी गेंदबाजों पर बरसते थे। दोनों का बल्ला जब भी चलता था, भारतीय टीम की जीत लगभग सुनिश्चित रहती थी। ये बात भी सार्वजनिक तौर पर सचिन भी मान चुके हैं कि मैदान पर सहवाग अपनी मर्जी के हिसाब से बल्लेबाजी करते थे।   

बताते चलें कि सचिन तेंदुलकर का जन्म 24 अप्रैल 1973 को मुंबई में हुआ था। दुनिया के सर्वकालिक सर्वश्रेष्ठ बल्लेबाज माने जाने वाले सचिन रमेश तेंदुलकर ने बहुत छोटी उम्र से क्रिकेट खेलना शुरू किया था और एक समय सबसे कम उम्र में टेस्ट क्रिकेट में अपने देश का प्रतिनिधित्व करने का रिकॉर्ड भी उनके नाम दर्ज था। वह देश के पहले खिलाड़ी हैं, जिन्हें ‘भारत रत्न’ से नवाजा गया। इस महान बल्लेबाज को अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहे 10 साल हो गए हैं।

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