संसद में नहीं बोल सके सचिन, फिर सोशल मीडिया और यूट्यूब पर कही ये बात

सचिन को गुरुवार को राज्य सभा में 'राइट टू प्ले' पर बोलना था। हालांकि, हंगामे के कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा। सचिन ने अब यूट्यूब पर एक वीडिया पोस्ट कर अपनी बात रखी है।

By लोकमत समाचार हिंदी ब्यूरो | Updated: December 22, 2017 17:38 IST

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राज्य सभा सांसद और 'क्रिकेट के भगवान' कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर को भले ही विपक्ष के हंगामे के कारण पहली बार बोलने का मौका नहीं मिला लेकिन अब उन्होंने अपनी बात रखने के लिए सोशल मीडिया और इंटरनेट का सहारा लिया है। सचिन को गुरुवार को राज्य सभा में 'राइट टू प्ले' पर बोलना था। हालांकि, हंगामे के कारण सदन को बार-बार स्थगित करना पड़ा।

बहरहाल, सचिन ने यूट्यूब पर एक वीडिया पोस्ट कर अपनी बात रखी है। सचिन ने अपने वीडियो में पूर्वोत्तर राज्यों के 'स्पोर्ट्स कल्चर' की सराहना करने हुए कहा है कि भारत को 'खेल को प्यार करने वाले देश' से 'खेल खेलना वाला देश' बनना होगा। अपने वीडियो में सचिन ने नॉर्थईस्ट से आने कई खिलाड़ियों दीपा कर्माकर, बाइचूंग भूटिया, मैरी कॉम, मिराबाई चानू, सरिता देवी के नाम लेते हुए खेलों को बढ़ावा देने की बात कही है। सचिन ने कहा, 'भारत के पूर्वोतर राज्य जहां देश की आबादी का केवल 4 फीसदी रहता है, वहां खेल की संस्कृति बेहद समृद्ध है।' 

पिता को भी सचिन ने किया याद

सचिन ने अपने वीडियो में पिता को भी याद किया और कहा, 'मैं हमेशा से खेलना पसंद करता था और क्रिकेट तो मेरी जान था। मेरे पिता प्रोफेसर रमेश तेंदुलकर एक कवि और लेखक थे। मैं जो करना चाहता था, जो बनना चाहता था उसके लिए उन्होंने मुझे हमेशा प्रोत्साहित किया। मुझे अपने पिता से सबसे बड़ा तोहफा राइट टू प्ले के तौर पर मिला।' 

'खिलाड़ी होने के नाते खेल और भारत की फिटनेश पर करूंगा बात'     

सचिन ने आगे कहा, 'देश में आर्थिक विकास, गरीबी, खाद्य सुरक्षा, स्वास्थ्य जैसे कई प्रमुख मुद्दे हैं। लेकिन एक खिलाड़ी होने के नाते मैं खेल, स्वास्थ्य और भारत की फिटनेस पर बात करूंगा। इसका हमारी अर्थव्यवस्था पर भी बड़ा प्रभाव पड़ता है। मेरा विजन 'हेल्दी एंड फिट इंडिया' है। जब स्वस्थ युवा तब देश में कुछ हुआ।'

करीब 15 मिनट के अपने वीडियो में सचिन ने खेल से जुड़े कई अहम मुद्दे उठाए हैं। सचिन ने अपना वीडियो ट्वीट भी किया है और लिखा है, 'यह मेरा सपना है कि भारत खेल को प्यार करने वाले देश से खेल खेलने वाला देश बने। मै आप सभी से गुजारिश करता हूं कि आप मेरी इस कोशिश में साथ आए और मेरे सपने को हमारा सपना बनाएं। हमेशा याद रखिए, सपने सच होते हैं! जय हिंद।'

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