आशीष नेहरा की सलाह से फायदा?, ऋषभ पंत बोले- मेरे पास आएं, मुझे देखा और कहा- बहुत चोटें लगी, खुद को खुश रखना

छले साल इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और फिर अमेरिका में टी20 विश्व कप में अपनी अंतरराष्ट्रीय वापसी की।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: April 7, 2025 19:48 IST

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ठळक मुद्देमेरे पास आये, मुझे देखा और उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे बहुत चोटें लगी हैं।मुझे ऐसी सोच रखने की सलाह दी जिससे मुझे खुशी मिलती है।पंत को सर्जरी के बाद एक साल के कड़े रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा।

कोलकाताः आक्रामक विकेटकीपर बल्लेबाज ऋषभ पंत ने भयावह कार दुर्घटना से बचने के बाद आशीष नेहरा के मार्गदर्शन और प्रभाव को स्वीकार करते हुए सोमवार को कहा कि पूर्व भारतीय तेज गेंदबाज की ‘खुश रहने’ की सलाह ने मुश्किल दौर में उनकी काफी मदद की। पंत 30 दिसंबर, 2022 की रात को दिल्ली-देहरादून मार्ग पर दुर्घटना का शिकार हुए थे। उनकी कार में आग लग गई थी। इस दुर्घटना में वह गंभीर रूप से चोटिल हो गये थे। इससे उबरने के लिए उन्हें कई सर्जरी की जरूरत पड़ी थी। पंत ने यहां सीआईआई पूर्वी क्षेत्र के ‘इंटरैक्टिव सत्र’ - ‘इंडिया@100: लीडरशिप इनसाइट फ्रॉम द स्पोर्ट्स इकोनॉमी’ के दौरान कहा, ‘‘मुझे आशीष नेहरा की एक सलाह से काफी फायदा हुआ था। वह मेरे क्लब के सीनियर भी हैं। वह मेरे पास आये, मुझे देखा और उन्होंने मुझसे कहा कि मुझे बहुत चोटें लगी हैं।

मैं बस एक चीज कर सकता हूं और वह है खुद को खुश रखना। उन्होंने मुझे ऐसी सोच रखने की सलाह दी जिससे मुझे खुशी मिलती है।’’ इस 27 साल के खिलाड़ी ने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह सलाह वास्तव में मेरे लिए बहुत उपयोगी रही और इसने मुझे अपनी चोट से उबरने में काफी मदद की।’’ पंत को सर्जरी के बाद एक साल के कड़े रिहैबिलिटेशन से गुजरना पड़ा।

उन्होंने पिछले साल इंडियन प्रीमियर लीग के दौरान प्रतिस्पर्धी क्रिकेट में वापसी की और फिर अमेरिका में टी20 विश्व कप में अपनी अंतरराष्ट्रीय वापसी की। पंत ने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही दिन-रात क्रिकेट खेलता रहा हूं और चोट से उबरने के दौरान खुद को एक जगह पर स्थिर रखना मेरे लिए सबसे मुश्किल था। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे स्थिति ऐसी थी कि मैं खुद से ब्रश भी नहीं कर पा रहा था।

मुझे यह स्वीकार करना पड़ा कि मैं एक या दो दिन में इससे निपट नहीं पाउंगा। मैंने खुद को संयमित रखा और मन में नकारात्मक भाव को हावी नहीं होने दिया। ’’ उन्होंने कहा, ‘‘मेरे लिए उस समय खाना खाना मुश्किल काम था, किसी और के लिए हो सकता है कि बात करना परेशानी भरा हो। ऐसे में अपको चीजों से निपटने के अपने तरीके ढूंढने होते हैं।’’

इस दुर्घटना ने जीवन के प्रति पंत के दृष्टिकोण को बदल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘एक बार जब जीवन के प्रति आपका दृष्टिकोण बदल जाता है, तो खेल के प्रति दृष्टिकोण निश्चित रूप से बदल जाता है। क्योंकि आप जीवन को जिस तरह से देखते हैं आखिर में आपके साथ वैसा ही होता है।’’ पंत से कहा कि लोग अक्सर जीवन में अधिकांश चीजों को हल्के में लेते हैं लेकिन इस दुर्घटना ने उन्हें काफी कुछ सिखाया।

उन्होंने कहा, ‘‘हर दिन जागना,  ब्रश करना, अपने वॉशरूम की ओर चलना जैसी साधारण चीजें... छोटी-छोटी चीजें लेकिन यह बहुत बड़ी भूमिका निभाती हैं। हम दैनिक जीवन में इसे हल्के में लेते हैं। मुझे लगता है कि इससे मैंने यही सीखा है।’’ एक पेशेवर क्रिकेटर के लिए, सफलता को अक्सर रन, विकेट और रिकॉर्ड से मापा जाता है।

लेकिन पंत के साथ हुई लगभग जानलेवा दुर्घटना ने इसकी परिभाषा को बदल दिया। उन्होंने कहा, ‘‘आप हर दिन सफल होना चाहते हैं। लेकिन खेल में कई बार ऐसा नहीं हो सकता है। लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि आप हर बार इधर-उधर की बातें करते रहें और खुद को हमेशा नीचा दिखाते रहें।

आपको ऐसी मानसिकता रखनी होगी जहां आप खुद को आगे बढ़ा सकें।’’ दिल्ली कैपिटल्स छोड़ने के बाद पंत को पिछले साल मेगा नीलामी में लखनऊ सुपर जायंट्स ने आईपीएल की रिकॉर्ड कीमत 27 करोड़ रुपये में खरीदा था। वह इसके बाद टीम के कप्तान भी बने।

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