रामचंद्र गुहा का विराट पर तीखा हमला, 'कोहली के स्टारडम के आगे BCCI नतमस्तक'

रामचंद्र गुहा ने टीम इंडिया की दक्षिण अफ्रीका के हाथों सीरीज गंवाने के बाद कड़ी आलोचना की है

By अभिषेक पाण्डेय | Published: January 20, 2018 6:18 PM

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दक्षिण अफ्रीका दौरे पर टीम इंडिया की करारी हार के बाद बीसीसीआई की प्रशासकों की समिति (सीओए) के पूर्व सदस्य और इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने विराट कोहली और बीसीसीआई की कड़ी आलोचना की है। भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीका दौरे पर तीन टेस्ट मैचों की सीरीज 2-0 से गंवा चुकी है। गुहा ने अपने एक लेख में कोहली को क्रिकेट इतिहास महानतम बल्लेबाजों में से एक करार देते हुए लिखा है कि उनकी निजी सफलता से टीम का भला नहीं होने वाला है। 

गुहा ने साथ ही दक्षिण अफ्रीका दौरे से पहले तैयारी न करने, रवि शास्त्री को कोच नियुक्त किए जाने और कोहली के दबदबे के आगे बीसीसीआई अधिकारियों और चयनकर्ताओं के हथियार डालने को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 

गुहा ने एक बल्लेबाज के तौर पर कोहली की उपलब्धियों की तारीफ करते हुए लिखा है, 'भारतीय खेल के पूरे इतिहास में  कोहली ने क्रिकेट की महानता, व्यक्तिगत करिश्मा, और खुद को और उनकी टीम के लिए जीतने की असाधारण कोशिश और महत्वाकांक्षा का संयोजन किसी में नहीं है।'

लेकिन गुहा ने बीसीसीआई में कोहली के दबदबे की कड़ी आलोचना की है और लिखा है कि बीसीसीआई के अधिकारियों और चयनकर्ताओं ने कोहली के करिश्माई व्यक्तित्व और उपलब्धियों के आगे पूरी तरह हथियार डाल दिए हैं। गुहा ने लिखा है, 'बीसीसीआई के अधिकारी उनकी (कोहली) इतनी पूजा करते हैं जितनी भारतीय कैबिनेट नरेंद्र मोदी की नहीं करती।' कोहली से फ्यूचर टूर प्रोग्राम और नेशनल क्रिकेट एकैडमी के संचालन जैसे मुद्दों पर भी राय ली जाती है जो कप्तान के अधिकार क्षेत्र में भी नहीं आते हैं।'

पूर्व कोच कुंबले का जिक्र करते हुए गुहा ने कहा है, 'क्रिकेटर और कैरेक्टर के तौर पर कोहली की बराबरी वाला भारतीय क्रिकेट में एक ही खिलाड़ी हुआ और वह है अनिल कुंबले। शायद उनके बीच मनमुटाव की यही वजह है और इसीलिए कुंबले को जाना पड़ा।' 

गुहा ने रवि शास्त्री को कोच नियुक्त किए जाने पर भी सवाल उठाते हुए कहा है, 'आखिर उन्होंने किसी ऐसे व्यक्ति को क्यों कोच चुना जिसकी क्रिकेट में उपलब्धियां कप्तान के सामने बेहद खराब हैं? जिसे कोचिंग का अनुभव भी नहीं है? सिर्फ इसलिए क्योंकि सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति के चेयरमैन और कोच चुनने वाली सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएल लक्ष्मण की क्रिकेट अडवायजरी कमिटी ने कोहली के व्यक्तित्व के सामने समर्पण कर दिया था।'

रामचंद्र गुहा ने दूसरे टेस्ट में टीम इंडिया की हार के साथ ही सीरीज गंवाने के लिए टीम इंडिया की तैयारियों पर सवाल उठाते हुए लिखा है, 'कोहली ने बेहतरीन पारी खेली लेकिन हमें ये नहीं भूलना चाहिए कि निजी महानता कभी भी टीम की असफलता नहीं छिपा सकती। अगर रहाणे दोनों टेस्ट मैच खेले होते, अगर भुवनेश्वर दूसरे टेस्ट में खेले होते, अगर टीम इंडिया श्रीलंका के खिलाफ गली क्रिकेट खेलने के बजाय दक्षिण अफ्रीका दो हफ्ते पहले गई होती तो शायद नतीजे अलग होते।'

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