निदाहास ट्रॉफी के आखिरी लीग मुकाबले में बेहद रोमांचक और तनावपूर्ण माहौल में बांग्लादेश ने श्रीलंका को दो विकेट से मात देते हुए फाइनल में पहुंच गई। श्रीलंकाई टीम ने पहले बल्लेबाजी करते हुए 20 ओवरों में सात विकेट के नुकसान पर 159 रन बनाए। 160 रनों के लक्ष्य को बांग्लादेश ने आठ विकेट गंवाकर एक गेंद शेष रहते हुए हासिल कर लिया।
इस मुकाबले के आखिरी ओवर में काफी ड्रामा देखा गया और दोनों टीमों के खिलाड़ी आपस में भिड़ गए। दरअसल बांग्लादेश को आखिरी ओवर में जीत के लिए 12 रन बनाने थे। क्रीज पर महमुदुल्लाह और मुस्तफिजुर रहमान, श्रीलंका की ओर से गेंदबाजी करने आए इशुरु उडाना।
कैसा था आखिरी ओवर का रोमांच
श्रीलंकाई गेंदबाज इशुरु उडाना की पहली दो गेंदों पर बाउंसर मारी और मुस्तफिजुर रहमान कोई रन बना सके और दूसरी गेंद पर रन आउट हो गए। जिसके बाद बांग्लादेशी कप्तान शाकिब-अल-हसन नाराज हो गए। उनको लगा कि साइड अंपायर ने नो बॉल दी है, लेकिन स्टम्पस के पास खड़े अंपायर ने नो बॉल नहीं दी। जिसके बाद वो भड़क गए और बल्लेबाजों को वापस बुलाने लगे। इस कारण काफी देर तक मैच रुका रहा और मामला शांत होने के बाद फिर मैच को शुरू किया गया। (यह भी पढ़ें: SLvBAN: श्रीलंका पर जीत के जश्न में बहके बांग्लादेशी खिलाड़ी, तोड़ा ड्रेसिंग रूम का शीशा!)
इसके बाद बांग्लादेश को जीत के लिए 4 गेंदों में 12 रनों की जरूरत थी, लेकिन अगली तीन गेंदो पर ही महमुदुल्लाह ने अपनी टीम को जीत दिला दी। इशुरु उडाना की तीसरी गेंद पर महमुदुल्लाह ने चौका जड़ा और अगली गेंद पर दो रन ले लिए। इसके बाद बांग्लादेश के जीत के लिए 2 गेंद पर 6 रन चाहिए थे। ओवर की पांचवीं गेद पर माहमुदुल्लाह ने छक्का जड़कर अपनी टीम को फाइनल में पहुंचा दिया।
जीत के बाद आपस में भिड़ गए दोनों देश के खिलाड़ी
इस मैच में तनावपूर्ण माहौल जीत के बाद भी शांत नहीं हुआ और जीतने के बाद सभी खिलाड़ी ने ग्राउंड पर नागिन डांस किया। इसके बाद वो श्रीलंका के खिलाड़ियो से भीड़ गए और नौबत मारपीट तक पहुंच गई। जिसके बाद बांग्लादेशी बल्लेबाज तमीम इकबाल बीच बचाव करते आए और खिलाड़ियों को शांत किया।
हालांकि मैच के बाद बांग्लादेशी कप्तान शाकिब अल हसन ने अपनी गलती को स्वीकार किया और कहा कि कभी-कभी इमोशन आप पर हावी हो जाते हैं, हालांकि उन्हें कप्तान रहते हुए इस पर ध्यान देना चाहिए।