टीम इंडिया के ऑलराउंडर विजय शंकर ने किया खुलासा, निदाहास ट्रॉफी फाइनल की शर्मिंदगी से कैसे उबरे

Vijay Shankar: टीम इंडिया के ऑलराउंडर विजय शंकर ने बताया है कि कैसे वह निदाहास ट्रॉफी फाइनल के दौरान अपने खराब प्रदर्शन से हुई शर्मिंदगी से उबरे थे

By अभिषेक पाण्डेय | Published: June 7, 2020 06:56 PM2020-06-07T18:56:43+5:302020-06-07T19:20:00+5:30

Vijay Shankar reveals How He overcame from Nidahas Trophy final embarrassment | टीम इंडिया के ऑलराउंडर विजय शंकर ने किया खुलासा, निदाहास ट्रॉफी फाइनल की शर्मिंदगी से कैसे उबरे

विजय शंकर निदाहास ट्रॉफी फाइनल में अपनी छाप छोड़ पाने में नाकाम रहे थे (File Photo)

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Highlightsविजय शंकर बांग्लादेश के खिलाफ निदाहास ट्रॉफी फाइनल में 19 गेंदों में 17 रन ही बना सके थेशंकर आखिरी ओवर में हो गए थे आउट, आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक ने दिलाई थी छक्का जड़कर जीत

निदाहास ट्रॉफी 2018 के फाइनल में भले ही दिनेश कार्तिक ने आखिरी गेंद पर छक्का लगाकर टीम इंडिया को जीत दिला दी थी, लेकिन उस मैच में फ्लॉप रहे ऑलराउंडर विजय शंकर ने खुलासा किया है कि उस निराशा से कैसे उबरे थे। शंकर बांग्लादेश के खिलाफ उस फाइनल मैच में 17 गेंदों में 19 रन ही बना सके थे, जिससे भारत मैच हार सकता था।

उस फाइनल की निराशा से उबरने में शंकर की मदद की दो पूर्व भारतीय क्रिकेटरों लक्ष्मीपति बालाजी और बद्रीनाथ के उत्साह बढ़ाने वाले शब्दों ने। 

विजय शंकर ने बताया, निदाहास ट्रॉफी की शर्मिंदगी से कैसे उबरे 

शंकर ने स्टार स्पोर्ट्स 1 के शो माइंड मास्टर्स बाई एमफोर में कहा, 'मैंने बद्री और बाला (एल बालाजी) से करियर के शुरुआती दिनों में दो बड़ी सीख मिली। बद्री ने मुझसे कहा था, अगर आप पर्याप्त रूप से अच्छे हैं, तो कोई भी आपको उच्चतम स्तर पर खेलने से नहीं रोक सकता है। और बाला ने कहा था, 'जिंदगी केवल शर्मिंदगियों से निपटने के बारे में है। उस समय ये मुझे बहुत बड़ी बात लगी थी, लेकिन जब मैंने इसे अनुभव करना शुरू किया तो मैं इसे अच्छे से समझ गया।' 

विजय शंकर ने कहा, 'निदाहास ट्रॉफी के बाद ये मेरे बहुत ही शर्मनाक था, जबकि इन शर्मिंदगियों से उबरते हुए मैंने ये सीख याद रखी।'

इन दोनों से मिली सीख की मदद से विजय शंकर निदाहास ट्रॉफी फाइनल की निराशा से उबरते हुए वापसी करने में सफल रहे और फिर 2019 वर्ल्ड कप के लिए भारतीय टीम में जगह भी बनाई।

क्या हुआ था निदाहास  ट्रॉफी फाइनल में विजय शंकर के साथ?

167 रन के लक्ष्य के जवाब में भारत को बांग्लादेश के खिलाफ फाइनल में जब 18 गेंदों में 35 रन की जरूरत थी तो विजय शंकर ने हैरानी वाला काम किया था। वह मुस्तफिजुर रहमान की चार गेंदों पर कोई रन नहीं बना पाए। पांचवीं गेंद पर उन्होंने एक लेग-बाई लिया। दबाव इतना था कि उस ओवर की आखिरी गेंद पर टिके हुए बल्लेबाज मनीष पांडेय भी आउट हो गए।

विजय शंकर के लिए निराशा का सिलसिला यहीं नहीं रुका और उन्होंने आखिरी ओवर में सौम्य सरकार की भी एक गेंद डॉट खेली। आखिरी दो गेंदो पर जब 5 रन की जरूरत थी तो विजय शंकर (19 गेंदों में 17 रन) लंबा शॉट लगाने की कोशिश में आउट हो गए, लेकिन आखिरी गेंद पर दिनेश कार्तिक (8 गेंदों में 29 रन) ने छक्का जड़ते हुए भारतीय टीम को 4 विकेट से यादगार जीत दिला दी। इसके बाद विजय शंकर की क्षमता पर काफी सवाल उठे थे और कइयों ने तो टीम में उनकी जगह होने पर सवाल उठाए थे। 

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