कोलकाताः दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहले टेस्ट में 30 रन से भारत की शर्मनाक हार के बाद उपजे पिच विवाद के बीच बड़ा सवाल यह है कि युवा कप्तान शुभमन गिल और कोच गौतम गंभीर क्या आदर्श घरेलू पिच को लेकर एक राय हैं? लक्ष्य का पीछा करते हुए भारतीय टीम के अपनी सरजमीं पर न्यूनतम स्कोर पर सिमटने के बाद कई सवाल उठने लगे हैं। एक महीना पहले ही अहमदाबाद में वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज से पहले गिल ने कहा था कि टीम अब ‘टर्निंग’ नहीं बल्कि अच्छी पिच पर खेलना चाहती है।
उन्होंने कहा था ,‘हम ऐसी पिचों पर खेलना चाहते हैं जिनसे गेंदबाजों और बल्लेबाजों दोनों को मदद मिले।’ इसके बावजूद भारत ने विश्व टेस्ट चैम्पियन दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ पहला टेस्ट ऐसी पिच पर खेला जो उसके ठीक विपरीत थी जिसकी कप्तान गिल ने पैरवी की थी। ईडन गार्डंस की पिच पर एक सप्ताह से अधिक पानी नहीं दिया गया था और कवर के भीतर रखी गई थी।
पिच पूरी तरह से सूखी थी और पहले ही सत्र से टूटने लगी थी । इस पिच पर 38 विकेट गिरे जिनमे स्पिनरों ने 22 और तेज गेंदबाजों ने 16 विकेट लिये। गंभीर ने हालांकि मैच के बाद कहा था कि पिच वैसी ही थी जैसी टीम प्रबंधन ने चाही थी । उन्होंने कहा ,‘‘ अगर आप अच्छा नहीं खेलते तो क्या होगा । विकेट में कोई खराबी नहीं थी।
अगर हम जीत गए होते तो पिच पर सवाल ही नहीं उठते।’ कप्तान गिल पहले ही दिन गर्दन में ऐंठन के कारण बाहर हो गए थे जिनकी गैर मौजूदगी में भारतीय बल्लेबाजी में अनुशासन नजर नहीं आया । भारत ने अपनी सरजमीं पर पिछले छह में से चार टेस्ट गंवाये हैं जिससे अपनी धरती पर अजेय रहने की उसकी छवि को ठेस पहुंची है।
गंभीर के कोच रहते भारत ने 18 में से आठ टेस्ट जीते हें जिनमे से चार बांग्लादेश और वेस्टइंडीज जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ जीते। भारतीय टीम के कोलकाता आने के बाद से पिच पर फोकस बना हुआ था। क्यूरेटर सुजन मुखर्जी से लगातार बैठकें होती रही।
आस्ट्रेलिया के खिलाफ 2001 में हुए मैच में लक्ष्मण-द्रविड़ के चमत्कारिक प्रदर्शन के साक्षी रहे ईडन की पिच पर हरभजन सिंह भी भड़के हुए हैं। हरभजन ने कहा ,‘उन्होंने टेस्ट क्रिकेट को खत्म कर दिया। आरआईपी टेस्ट क्रिकेट।’ चेतेश्वर पुजारा ने टीम के बदलाव के दौर से गुजरने की बात को खारिज करते हुए कहा ,‘अपने देश में हार स्वीकार्य नहीं है। बदलाव का दौर हो या नहीं।’