राजस्थान रॉयल्स की टीम शुक्रवार को जयपुर के सवाई मानसिंह स्टेडियम में चेन्नई सुपर किंग्स के खिलाफ मुकाबले में नीली की जगह पिंक जर्सी पहनकर उतरी। राजस्थान रॉयल्स की टीम ने कैंसर के प्रति लोगों को जागरूक करने के लिए ऐसा किया।
राजस्थान रॉयल्स द्वारा टाटा ट्रस्ट के सहयोग से आरंभ किए गए राज्यव्यापी 'कैंसर आउट' अभियान को बढ़ावा देने के लिए फ्रेंचाइजी ने पिंक जर्सी पहनने का फैसला किया। इसकी शुरुआत करते हुए राजस्थान रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे, हेनरिक्स क्लासेन, कृष्णप्पा गौतम और महिपाल लोमरोर ने एक अस्पताल जाकर अपनी-अपनी जांच करवाई।
रॉयल्स के कप्तान अजिंक्य रहाणे ने कहा कि एक खिलाड़ी होने के नाते मुझे लगता है कि यह पहल कैंसर मुक्त समाज की दिशा में एक छोटा किन्तु महत्वपूर्ण कदम है। मुझे आशा है कि हम अधिक से अधिक जागरूकता पैदा करने के लिए अपनी पूरी क्षमता के साथ प्रदर्शन करेंगे।
लागों में व्यापक जागरुकता लाने के लिए राजस्थान की टीम शुक्रवार को तीन रंगों गुलाबी, चैती और जामुन में मैदान में उतरी। गुलाबी रंग स्तन कैंसर, जामुन रंग मौखिक कैंसर और चैती रंग गर्दन के कैंसर का प्रतीक है। राजस्थान के कैंसर के खिलाफ अभियान में राज्य सरकार, नेशनल कैंसर ग्रिड, इंडियन कैंसर सोसायटी और इंडियन डेंटल एसोसिएशन भी साथ हैं।
कोहली की टीम एक मैच में पहनती है ग्रीन जर्सी
राजस्थान के अलावा विराट कोहली की कप्तानी वाली राजस्थान रॉयल्स की टीम भी एक मैच अलग जर्सी पहनकर खेलती है। आरसीबी आईपीएल के एक मैच में ग्रीन कलर की जर्सी में मैच खेलती है। बैंगलोर की टीम ऐसा 'गो ग्रीन' पहल का समर्थन करने के लिए करती है। गो ग्रीन अभियान में टीम हर साल हिस्सा लेती है, जिसमें कोहली विपक्षी टीम के कप्तान को एक छोटा पौधा देते हैं। इसके अलावा जर्सी पर खिलाड़ियों के नाम की जगह उनका ट्विटर हैंडल होता है।
साउथ अफ्रीका की टीम भी खेलती है पिंक वनडे
साउथ अफ्रीका की टीम भी कैंसर के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए पिंक कलर की जर्सी में खेलती है। साउथ अफ्रीकन टीम द्वारी पहली बार इसका आयोजन साल 2011 में किया गया था। इसके बाद हर साल साउथ अफ्रीकी टीम एक वनडे मैच पिंक जर्सी में खेलती है।