INDW vs AUSW 2025: जेमिमा रौड्रिग्स बेमिसाल?, ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने कहा- कायल हूं, ऐसा प्रदर्शन कभी-कभार होता है...

INDW vs AUSW 2025: महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में उनकी टीम आस्ट्रेलियाई तेवरों के साथ नहीं खेल सकी।

By लोकमत न्यूज़ डेस्क | Updated: October 31, 2025 14:19 IST

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ठळक मुद्देआस्ट्रेलियाई टीम ने कई गलतियां की जो आम तौर पर टीम नहीं करती है।अगर आप विरोधी टीम पर पर्याप्त दबाव नहीं बना सकते तो ऐसा होता है। कई बार ज़रूरत से ज्यादा खराब गेंदें फेंकी और शायद हमने जो मौके बनाए।

INDW vs AUSW 2025: ऑस्ट्रेलियाई कप्तान एलिसा हीली ने भारतीय स्टार जेमिमा रौड्रिग्स की बेमिसाल मानसिक दृढता की तारीफ की और कहा कि महिला वनडे विश्व कप के सेमीफाइनल में उनकी टीम आस्ट्रेलियाई तेवरों के साथ नहीं खेल सकी। हीली ने प्रेस कांफ्रेंस में कहा ,‘हम चार या पांच ओवर बाकी रहते मैच में थे लेकिन क्रिकेट में मजेदार चीजें होती रहती है। अगर आप विरोधी टीम पर पर्याप्त दबाव नहीं बना सकते तो ऐसा होता है। जेमिमा ने शानदार पारी खेली।’ उन्होंने कहा कि आस्ट्रेलियाई टीम ने कई गलतियां की जो आम तौर पर टीम नहीं करती है।

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने कई बार ज़रूरत से ज्यादा खराब गेंदें फेंकी और शायद हमने जो मौके बनाए, उनका फायदा नहीं उठा पाये । हम आम तौर पर जितने आक्रामक होते हैं, उतने आक्रामक नहीं थे और यह आस्ट्रेलियाई टीम जैसा प्रदर्शन नहीं था । यह जानते हुए कि हमने इस विश्व कप में कितना अच्छा खेला है, मुझे निराशा हो रही है ।’’

उन्होंने कहा ,‘‘ हमने उसे कुछ मौके दिये जिसका खामियाजा भुगतना पड़ा । उसने शानदार पारी खेली । उसकी मानसिक दृढता बेमिसाल थी और उसे इसका पूरा श्रेय जाता है ।’’ हीली ने कहा कि उनकी टीम ने जो कैच टपकाये , उससे मैच की तस्वीर बदल गई । उन्होंने कहा ,‘‘ इससे मैच की दिशा ही बदल गई । शायद सेमीफाइनल का दबाव था या एकाग्रता की कमी या कुछ और । मैं नहीं जानती । ’’

हरमनप्रीत कौर और जेमिमा के बीच 167 रन की साझेदारी के बारे में उन्होंने कहा ,‘‘ दोनों बेहतरीन क्रिकेटर हैं और लंबे समय से भारत के लिये खेल रहे हैं । यह अच्छी विकेट थी और बल्लेबाजों को मदद मिल रही थी । हमने अपनी ताकत पर नहीं खेला और उनको मैच में दबाव बनाने का मौका दे दिया ।’’

हीली ने इस बात का स्वागत किया कि अब रविवार को भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच फाइनल से एक नया वनडे चैम्पियन निकलेगा लेकिन यह भी कहा कि कैलेंडर में और वनडे मैच होने चाहिये । उन्होंने कहा ,‘‘ लोग कहते हैं कि यह सबसे करीबी मुकाबलों वाला वनडे विश्व कप था और मैं इसे मानती हूं । अब एक नया चैम्पियन निकलेगा ।

यह देखना बहुत अच्छा लगा कि भारत में इसे कितना अच्छा समर्थन मिला है, सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि उन्हें घरेलू मैदान पर घरेलू दर्शकों के सामने एकदिवसीय विश्व कप फाइनल में खेलने का अवसर मिलना बहुत खास होगा।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ उम्मीद है कि कैलेंडर में और वनडे देखने को मिलेंगे । अधिक द्विपक्षीय श्रृंखलायें खेली जायेंगी ।’’

हरमनप्रीत के आउट होने के बाद मुझे फिर से फोकस करने में मदद मिली : जेमिमा

अपने नाबाद शतक से भारत को वनडे विश्व कप फाइनल में ले जाने के बाद भावनाओं पर काबू पाने की कोशिश करते हुए जेमिमा रौड्रिग्स ने कहा कि आस्ट्रेलिया के खिलाफ सेमीफाइनल में हरमनप्रीत कौर के आउट होने के बाद उन्हें फिर से फोकस करने में मदद मिली। दबाव में बेहतरीन पारी खेलते हुए जेमिमा ने 134 गेंद में नाबाद 127 रन बनाये जिसकी मदद से भारत ने रिकॉर्ड 339 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए आस्ट्रेलिया को हराया । अब फाइनल में सामना दक्षिण अफ्रीका से होगा ।

जेमिमा ने मीडिया से कहा ,‘‘ मैं हैरी दी से कह रही थी कि हम दोनों को जीत तक ले जाना है ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ जब वह आउट हुई तो मुझे फिर से फोकस करने में मदद मिली क्योंकि थकान के कारण मेरी एकाग्रता टूट रही थी । हरमन के आउट होने के बाद मुझे लगा कि अतिरिक्त जिम्मेदारी से खेलना होगा । मैंने खुद से कहा कि वह आउट हो गई है तो उसके लिये मैं ही रन बनाऊंगी , मुझे टिककर खेलना है ।’’

जेमिमा ने कहा ,‘‘ इससे मेरा फोकस फिर बना और मैं समझदारी से खेलने लगी ।’’ प्रेस कांफ्रेंस में बार बार रो पड़ी जेमिमा ने कहा कि भगवान पर अटूट आस्था से उन्हें बेचैनी से उबरने में मदद मिली । उन्होंने कहा ,‘‘ मैं प्रार्थना कर रही थी । मैं खुद से बात कर रही थी क्योंकि काफी ऊर्जा खत्म हो चुकी थी । मैं थक गई थी और इसकी वजह से कुछ पेचीदा शॉट खेले ।

मैं सोच रही थी कि कैसे खेलूं । आक्रामक रहूं या अंत तक टिकी रहूं और मैने सीखा कि अंत तक डटकर खेलना जरूरी था ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खुदा से बात कर रही थी क्योंकि मेरा मानना है कि मेरा उनसे निजी रिश्ता है और जब मैं खुद नहीं कर पाती तो वह मेरे लिये कर देते हैं ।’’ इस पारी से पहले जेमिमा कठिन दौर से गुजर रही थी और टीम से बाहर भी हुई लेकिन उसके साथी खिलाड़ी उसके साथ डटे रहे ।

उन्होंने कहा ,‘‘ कोई अपनी कमजोरियों के बारे में बात नहीं करना चाहता । टूर्नामेंट की शुरुआत में काफी बैचेनी से गुजर रही थी । अपनी मां को फोन करके पूरा समय रोती रहती थी क्योंकि जब आप इन हालात से गुजर रहे होते हैं तो कुछ सूझ नहीं पड़ता ।’’ उन्होंने कहा ,‘‘ समझ में नहीं आता कि क्या करें । ऐसे समय में मेरे माता पिता ने मेरा खूब साथ दिया । अरूंधति रेड्डी से मैं रोज बात करती थी और उसके सामने रोती थी । स्मृति (मंधाना) ने मेरी काफी मदद की । उसे पता था कि मैं क्या महसूस कर रही हूं ।

कुछ नेट सत्रों में वह खड़ी रही , कुछ कहा नहीं लेकिन उसे पता था कि उसकी मौजूदगी मेरे लिये अहम है । राधा यादव ने मेरा बहुत ख्याल रखा ।’’ जेमिमा ने मैच के बारे में कहा ,‘‘ डी वाई पाटिल स्टेडियम पर कोई भी लक्ष्य हासिल किया जा सकता है । मैं यही सोच रही थी कि टिके रहना है तो रन खुद ब खुद मिलेंगे ।’’

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