नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट के लिये शनिवार का दिन शर्मसार करने वाला रहा जब उसकी टीम ने टेस्ट मैचों में अपना न्यूनतम स्कोर 36 रन बनाया और आस्ट्रेलिया ने दूधिया रोशनी में खेला जा रहा पहला टेस्ट क्रिकेट मैच तीसरे दिन ही आठ विकेट से जीतकर चार टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 1-0 से बढ़त हासिल की।
पिच में कोई खराबी नहीं थी लेकिन जोश हेजलवुड (पांच ओवर में आठ रन देकर पांच विकेट) और पैट कमिन्स (10.2 ओवर में 21 रन देकर चार विकेट) ने अपनी बेहतरीन गेंदबाजी से भारतीय पारी को तहस नहस कर दिया।
88 वर्षों के टेस्ट इतिहास में न्यूनतम स्कोर-
भारतीय टीम ने अपनी दूसरी पारी में जब नौ विकेट पर 36 रन बनाये थे तब मोहम्मद शमी को चोटिल होने के कारण क्रीज छोड़नी पड़ी जिससे पारी वहीं पर समाप्त हो गयी। भारत का यह 88 वर्षों के टेस्ट इतिहास में न्यूनतम स्कोर है।
भारत का इससे पहले न्यूनतम स्कोर 42 रन था जो उसने 1974 में इंग्लैंड के खिलाफ लार्ड्स में बनाया था। टेस्ट क्रिकेट में न्यूनतम स्कोर का रिकार्ड न्यूजीलैंड के नाम पर है जिसने 1955 में इंग्लैंड के खिलाफ आकलैंड में 26 रन बनाये थे। विराट कोहली की टीम का स्कोर टेस्ट क्रिकेट में संयुक्त पांचवां न्यूनतम स्कोर है।
आस्ट्रेलिया को इस जीत से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 30 अंक मिले-
भारत को पहली पारी में 55 रन की बढ़त मिली थी और इस तरह से आस्ट्रेलिया को जीत के लिये 90 रन का लक्ष्य मिला। शमी चोटिल होने के कारण गेंदबाजी नहीं कर पाये और आस्ट्रेलिया ने आसानी से 21 ओवर में दो विकेट पर 93 रन बनाकर दिन रात्रि टेस्ट मैचों में अपना शानदार रिकार्ड बरकरार रखा।
आस्ट्रेलिया को इस जीत से विश्व टेस्ट चैंपियनशिप में 30 अंक मिले। उसके कप्तान टिम पेन को नाबाद 73 रन की शानदार पारी के लिये मैन आफ द मैच चुना गया। भारत ने लगातार तीसरा टेस्ट मैच तीन दिन के अंदर गंवाया। इससे पहले इस साल के शुरू में उसने न्यूजीलैंड में तीन दिन के अंदर दो टेस्ट मैच गंवाये थे।