India Women vs Australia Women 2022: ऑस्ट्रेलिया 2022 में पहला मैच हारा!, पिछले 16 विजयी अभियान पर रोक, सीरीज 1-1 से बराबर, इस खिलाड़ी ने किया धमाल

India Women vs Australia Women 2022: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने रोमांच की पराकाष्ठा पर पहुंचे दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में ऑस्ट्रेलिया को सुपर ओवर में हराकर पांच मैच की सीरीज 1-1 से बराबर कर ली।

By सतीश कुमार सिंह | Updated: December 12, 2022 20:14 IST

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ठळक मुद्देतीसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 14 दिसंबर को खेला जाएगा। ऑस्ट्रेलिया के पिछले 16 टी20 मैच के विजयी अभियान पर भी रोक लगा दी। ऑस्ट्रेलिया की 2022 में किसी भी प्रारूप में यह पहली हार है।

India Women vs Australia Women 2022: भारतीय महिला क्रिकेट टीम ने सुपर ओवर में दूसरा मैच जीत लिया। 5 मैचों की सीरीज 1-1 से बराबर हो गई। पहला मैच ऑस्ट्रेलिया ने जीता था। ऑस्ट्रेलिया 2022 का अपना पहला T20I हार गया है। स्मृति मंधाना को प्लेयर ऑफ द मैच घोषित किया गया।

तीसरा टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच 14 दिसंबर को खेला जाएगा। भारत ने इसके साथ ही ऑस्ट्रेलिया के पिछले 16 टी20 मैच के विजयी अभियान पर भी रोक लगा दी। ऑस्ट्रेलिया की 2022 में किसी भी प्रारूप में यह पहली हार है।

ऑस्ट्रेलिया के 188 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत ने स्मृति मंधाना (79) के अर्धशतक और शेफाली वर्मा (34) के साथ उनकी पहले विकेट की 76 तथा कप्तान हरमनप्रीत कौर (21) के साथ तीसरे विकेट की 61 रन की साझेदारी से पांच विकेट पर 187 रन बनाए।

रिचा घोष (13 गेंद में नाबाद 26 रन, तीन छक्के) और देविका वैद्य (पांच गेंद में नाबाद 11 रन, दो चौके) ने अंत में मैच टाई कराने में अहम भूमिका निभाई। ऑस्ट्रेलिया की ओर से पदार्पण कर रही हीथर ग्राहम ने 22 रन देकर तीन विकेट चटकाए। ऑस्ट्रेलिया ने सलामी बल्लेबाज बेथ मूनी (नाबाद 82) और ताहलिया मैकग्रा (नाबाद 70) के अर्धशतक तथा दोनों के बीच दूसरे विकेट की 158 रन की रिकॉर्ड शतकीय साझेदारी से एक विकेट पर 187 रन बनाए। मूनी ने 54 गेंद का सामना करते हुए 13 चौके जड़े जबकि ताहलिया ने 51 गेंद की अपनी पारी में 10 चौके और एक छक्का मारा।

भारत ने इतिहास के अपने पहले सुपर ओवर में रिचा और स्मृति के साथ आगाज किया। रिचा ने हीथर के पहली गेंद पर छक्का जड़ा लेकिन अगली गेंद को हवा में लहराकर उन्हीं को कैच दे बैठीं। स्मृति ने चौथी गेंद पर चौका और फिर अगली गेंद पर छक्का मारा। अंतिम गेंद पर तीन रन से भारत ने 20 रन बनाए। भारत ने गेंदबाजी के लिए रेणुका सिंह को चुना।

ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान एलिसा हीली और एशलेग गार्डनर को उतारा। हीली ने पहली गेंद चौका मारा लेकिन अगली गेंद पर रेणुका ने उन्हें रन आउट करने का मौका गंवा दिया। तीसरी गेंद पर एशलेग ने लांग ऑफ पर राधा यादव को कैच थमाया। ताहलिया अगली गेंद पर एक रन ही बना सकी। अंतिम दो गेंद पर एलिसा ने 10 रन बनाए लेकिन ऑस्ट्रेलिया 16 रन ही बना सका और भारत ने जीत दर्ज की।

मूनी और ताहलिया की साझेदारी भारत के खिलाफ किसी भी विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी होने के अलावा ऑस्ट्रेलिया की ओर से भी किसी भी विकेट की सबसे बड़ी साझेदारी है। मूनी और ताहलिया की बदौलत ऑस्ट्रेलिया की टीम अंतिम 11 ओवर में 118 रन जोड़ने में सफल रही। भारत की ओर से एकमात्र विकेट दीप्ति शर्मा के खाते में गया जिन्होंने चार ओवर में 31 रन खर्च किए।

एक साल पहले शायद इस तरह से लक्ष्य हासिल नहीं कर पाते: मंधाना

भारतीय महिला क्रिकेट टीम के लिए पिछले कई वर्षों से करीबी मैचों का सफल अंत करना परेशानी का सबब रहा था लेकिन उप कप्तान स्मृति मंधाना का मानना है कि पिछले एक वर्ष में इस क्षेत्र में की गई कड़ी मेहनत से टीम विश्व चैंपियन आस्ट्रेलिया के खिलाफ करीबी मैच में जीत दर्ज करने में सफल रही।

मंधाना ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ दूसरे टी20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में 49 गेंदों पर 79 रन बनाए जिससे भारतीय टीम लक्ष्य हासिल करने के करीब पहुंच गई थी लेकिन आखिर में उसने 187 रन बनाकर स्कोर टाई करवाया। मंधाना ने बाद में सुपर ओवर में 13 रन बनाए जिससे भारत ने जीत दर्ज की।

मंधाना ने मैच के बाद संवाददाता सम्मेलन में कहा,‘‘ हम करीबी मैचों में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पा रहे थे हालांकि हम मजबूत टीमों को कड़ी चुनौती दे रहे थे। करीबी मैच ऐसे मामले थे जिन पर पूरी भारतीय टीम काम कर रही है और इसकी शुरुआत राष्ट्रमंडल खेलों के सेमीफाइनल से हुई।’’ उन्होंने कहा,‘‘ कुछ मैचों में हमने जीत दर्ज करनी शुरू कर दी थी।

हमारे खिलाड़ियों ने दबाव की परिस्थितियों से निपटना शुरू कर दिया और हमारे पास कई मैच विजेता भी हैं।’’ मंधाना ने कहा कि एक साल पहले तक भी टीम के लिए 25 गेंदों पर 45 के करीब रन बनाना आसान काम नहीं था। उन्होंने कहा,‘‘ यदि 25 गेंदों पर 45 रन की जरूरत है तो एक साल पहले तक भी हो सकता था कि भारतीय महिला टीम इसे हासिल नहीं कर पाती।

अब हमारे पास रिचा घोष, दीप्ति शर्मा और देविका वैद्य जैसे खिलाड़ी हैं। वे अच्छी तरह से अपनी भूमिका निभा रही हैं।’’ मंधाना ने रिचा को विशेष कौशल का धनी बताया जिन्होंने दूसरे मैच में चार गगनदायी (सुपर ओवर में एक सहित) छक्के लगाए। उन्होंने कहा,‘‘ जब नियमित ओवरों में मैं आउट हो गई तो मैंने वापस लौटते समय रिचा से कहा मैच खत्म करके आना है और उसने कहा ठीक है दीदी।

मैं जानती थी कि वह विशेष कौशल की धनी है।’’ मंधाना ने रिचा और शेफाली वर्मा को दक्षिण अफ्रीका में होने वाले अंडर-19 विश्व कप के लिए भारतीय टीम में चुनने के भारतीय क्रिकेट बोर्ड के फैसले का भी स्वागत किया। उन्होंने कहा,‘‘ जब हम 16 या 17 साल के थे तो अंडर-19 महिला विश्वकप के बारे में सुनते थे। यह उनके लिए अच्छा है और हमें भी उनकी जगह दो नई लड़कियों को खिलाने से अपनी बेंच स्ट्रेंथ का पता चल पाएगा।’’

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